पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में लोगों को उनके निवास के आधार पर आरक्षण देने की इजाज़त नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में साफ किया है कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में लोगों को उनके निवास के आधार पर आरक्षण देने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। इन कोर्सेज में डोमिसाइल रिजर्वेशन( मूल निवासी होने के आधार पर आरक्षण देना) असंवैधानिक है। इस आदेश का मतलब साफ है कि स्टेट कोटा के तहत पीजी मेडिकल एडमिशन सिर्फ NEET परीक्षा मिली मेरिट के आधार पर ही होंगे।

जस्टिस ऋषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आर्टिकल 19 के तहत हर नागरिक को देश के अंदर कही भी रहने, व्यापार करने और कोई भी पेशा करने का अधिकार है। संविधान हरेक नागरिक को देश के कहीं भी पढ़ाई के लिए दाखिले लेने अधिकार देता है। इस लिहाज से पीजी लेवल पर डोमिसाइल रिज़र्वेशन इस बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन करता है।

कोर्ट का मानना था कि अंडर ग्रेजुएट दाखिले में कुछ हद तक डोमिसाइल रिज़र्वेशन दिया जा सकता है,पर पीजी मेडिकल कोर्स में, जहाँ विशेष दक्षता की ज़रूरत होती है, यह आरक्षण देना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है ये फैसला आगे होने वाले दाखिले पर लागू होगा। जो लोग इस आरक्षण का फायदा उठाकर अभी पढ़ाई कर रहे है या फिर अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके है, वो इससे प्रभावित नहीं होंगे।

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