क्या राशन कार्ड के ज़रिए सब्सिडी वाला राशन वाकई गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले ज़रूरतमन्दों को मिल पा रहा है? : सुप्रीम कोर्ट

आईएनएन/नई दिल्ली,  @Infodeaofficial

कोर्ट ने कहा कि राशन कार्ड ‘पॉपुलरिटी कार्ड’ बन गए है। कई राज्य इनकी संख्या बताकर दावा करते है कि वो इसके ज़रिए राशन उपलब्ध करा रहे है लेकिन अक्सर यह राशन ज़रूरतमन्दों को नहीं मिल पा रहा है। कोर्ट ने कहा कि हमारी चिंता राशनकार्ड के दुरुपयोग को लेकर है कि क्या इसका फायदा वो लोग तो नहीं उठा रहे, जो इसके अधिकारी नहीं है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कुछ राज्य है जो अब अपने यहां विकास का दावा करते हुए प्रति व्यक्ति आय ज़्यादा होने की दुहाई देते है और फिर यही राज्य जब केंद्र से फूड सिक्योरिटी स्कीम के लिए फायदे लेने के लिए आग्रह करते है , तो बताते है कि उनके यहाँ 75 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। यह विरोधाभास भास क्यों है !

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह टिप्पणी कोविड़ 19 महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की दिक्कत से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की। सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट का ध्यान दिलाया कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर राशन कार्ड का फायदा नहीं उठा पा रहे है केंद्र सरकार के ई श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड मजदूरों की संख्या 30 करोड़ है,लेकिन 8 करोड़ लोगो के पास राशन कार्ड ही नहीं है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये वाकई चिंता का विषय है। सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि जो वाकई ज़रूरतमंद है, उनको राशन मिले। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मैं अपनी जड़ों को नहीं खोया है। गरीब लोगो के दर्द से मैं हमेशा परिचित रहा हूँ। कई ऐसे परिवार है, जिनकी खस्ता हालत बनी हुई है।सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि हर ज़रूरतमंद को राशन मिले।

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