आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
क्या मद्रास हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश है यदि नहीं तो कोर्ट का प्रशासनिक कार्य कौन देख रहा है? मुख्य न्यायाधीश विजया के. ताहिलरमानी के इस्तीफे के बाद पहले दिन प्रथम खंडपीठ के समक्ष 75 मामले लिस्टिंग किए गए, पर उनकी अनुपस्थिति के कारण एक भी मामले की सुनवाई नहीं हुई।
उसके अगले दिन से कोई मामला लिस्टिंग में नहीं आया। ऐसा हुआ तो किसके आदेश पर? मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रशासनिक मामलों में निर्देश जारी करे और फैसला ले।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि केंद्र सरकार का इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधना कुछ और ही संकेत देता है। कॉलेजियम ने भी इस संबंध में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। संविधान की धारा 217 (1) ए के मुताबिक किसी हाईकोर्ट के न्यायाधीश द्वारा राष्ट्रपति को दिए गए स्तीफे में स्वीकार्यता की जरूरत नहीं होती जब तक कि वह इस्तीफा सशर्त न हो।
लेकिन इस मामले में ताहिलरमानी ने राष्ट्रपति को पत्र में क्या लिखा यह स्पष्ट नहीं है। कोई भी उच्च न्यायालय बिना मुखिया के नहीं हो सकता। अगर मुख्य न्यायाधीश नहीं तो कार्यकारी तो होना ही चाहिए।
मद्रास हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि मुख्य न्यायाधीश छुट्टी पर गई हैं या फिर इस्तीफा दे दिया इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। किसी को भी इस संवैधानिक पद पर रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। नियुक्ति के लिए वारंट होता है पर इस्तीफे के लिए ऐसा कुछ भी नहीं होता।
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