- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैस-वितरण के नौवें दौर का कार्य शुरू करने के लिए आधारशिला रखी] देश के 129 शहरों में नहीं खरीदने पड़ेंगे गैस सिलेंडर, सीधा पाइप से होगी सप्लाई
- साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने दसवें दौर की 14 राज्यों के 124 जिलों में फैले 50 भौगोलिक क्षेत्रों में सीजीडी से जुड़ी बोलियों की प्रक्रिया की भी शुरुआत की। दसवें दौर का काम पूरा होने जाने के बाद अगले तीन साल में देश के 400 शहरों में सिलेंडर के बजाय सीधे पाइप से रसोई गैस घरों में पहुंचेगी।
आईएनएन/नई दिल्ली @Infodeaofficial. शहरी आबादी का जीवन स्तर आसान बनाने के क्रम में केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी सिटी गैस वितरण (सीजीडी) के नौवें दौर की आधारशिला रख दी है तथा दसवें दौर पर काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह जरिए शहर में गैस-वितरण (सीजीडी) के नौवें दौर का कार्य शुरू करने के लिए आधारशिला रखी। नौवां दौर देश के 69 भौगोलिक क्षेत्रों में शुरू हो रही है, जिससे 129 नए शहरों ( देश के 35 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र) में बसी लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या को पीएनजी और सीएनजी के तौर पर सीधे पाइप से ईंधन मिलने लगेगा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने दसवें दौर की 14 राज्यों के 124 जिलों में फैले 50 भौगोलिक क्षेत्रों में सीजीडी से जुड़ी बोलियों की प्रक्रिया की भी शुरुआत की। दसवें दौर का काम पूरा होने जाने के बाद अगले तीन साल में देश के 400 शहरों में सिलेंडर के बजाय सीधे पाइप से रसोई गैस घरों में पहुंचेगी।
2014 तक देश के 66 जिले ही सीजीडी नेटवर्क के दायरे में थे। आज देश के 174 जिलों में सिटी गैस का काम चल रहा है। नौवें व दसवें दौर को भी मिला लें तो कर अगले 2-3 वर्षों में 430 से अधिक जिलों तक इसकी पहुंच होगी। नौवें दौर को इसी साल 8 मई को बोली आमंत्रित की गयी थी और अब इसकी आधारशिला रख दी गयी। आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहर गैस वितरण नेटवर्क की स्थापना का काम सीजीडी बोली के नौवें दौर के तहत 129 जिलों में शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सीजीडी बोली के दसवें दौर के बाद शहर गैस वितरण नेटवर्क के तहत 400 से अधिक जिले आ जाएंगे। इस तरह 70 प्रतिशत आबादी इसके दायरे में आ जाएगी।
देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं की तरफ ध्यान दे रही है। मोदी ने देश में गैस के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों, खासतौर से एलएनजी टर्मिनलों की संख्या बढ़ाने, राष्ट्रव्यापी गैस ग्रिड बनाने और सिटी गैस वितरण नेटवर्क तैयार करने की जानकारी दी।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बढ़ने के लिए गैस आधारित अर्थव्यवस्था की भूमिका की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीजीडी नेटवर्क स्वच्छ ऊर्जा समाधान हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में केन्द्र सरकार के प्रयास व्यापक आधार वाले हैं। इस संदर्भ में उन्होंने केन्द्र सरकार की स्वच्छ ऊर्जा संबंधी विभिन्न पहलों जैसे इथनॉल सम्मिश्रण, कम्प्रैस्ड, जैव गैस संयंत्र, एलपीजी का दायरा बढ़ाने और वाहनों के लिए बीएस-6 ईंधन शुरू करने का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में 12 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहरों में गैस नेटवर्कों ने एक नई पारिस्थितिकी प्रणाली तैयार की है, एक जिसने गैस आधारित उद्योगों को सक्षम बनाया है, युवाओं के लिए रोजगार सृजित किया है और नागरिकों का जीवन आसान बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छ ऊर्जा और गैस आधारित अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्ष्यों को न सिर्फ अपने लिए पूरा किए जाने की आवश्यकता है बल्कि संपूर्ण मानवता और भावी पीढ़ी के लिए यह जरूरी है।
बता दें कि 2014 तक देश में 13 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए थे, यानि 60 साल में 13 करोड़ कनेक्शन। देश में सारे संसाधन वही हैं, लोग वही हैं लेकिन पिछले 4 साल में लगभग 12 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं। घरेलू गैस कवरेज का जो दायरा 2014 के पहले सिर्फ 55 प्रतिशत था, अब बढ़कर लगभग 90 प्रतिशत हो गया है।
तेल व प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) नियामक बोर्ड ने फुटकर सीएनजी व पाइप के माध्यम से रसोई गैस पहुंचाने के लिए निविदा आमंत्रित की है। दसवें दौर की बोली में शामिल किए गए 50 भौगोलिक क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग व हावड़ा, बिहार का मुजफ्फरपुर, हरियाणा में कैथल, राजस्थान में अजमेर व जालौर, मध्यप्रदेश में ग्वालियर, उज्जैन व मुरैना, उत्तरप्रदेश में बस्ती व झांसी, उत्तराखंड में नैनीताल, पंजाब में फिरोजपुर व होशियारपुर, आंध्र प्रदेश का नेल्लूर, कर्नाटक में मैसूर व गुलबर्गा, केरल का अल्लपुजा व कोल्लम हैं। दसवें दौर का सिटी गैस कनेक्शन परियोजना पूरी होने के बाद देश के 400 से अधिक शहरों में सिलेंडर रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि गैस की आपूर्ति घरों में सीधे पाइप से होगी।
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