टॉप 20 वीकली

Sushmita das, आईएनएन/ नई दिल्ली@Infodeaofficial.
*1.ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन रिपोर्ट: डब्लू.एम.ओ.*
विश्व मौसम संगठन ने अपनी वार्षिक फ्लैगशिप रिपोर्ट ‘ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन’ जारी की है जो वार्षिक रूप से प्रकाशित की जाती है।
रिपोर्टों में पाया गया है कि वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का स्‍तर एक नए आंकड़े पर पहॅुंच गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तर की प्रवृत्ति में परिवर्तन के कोई संकेत नहीं है।
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ये रिपोर्टें, आई.पी.सी.सी. 1.5 डिग्री सेंटिग्रेट रिपोर्ट की मदद करती हैं, जिसमें यह चेतावनी दी गई थी कि विश्‍व को वर्ष 2050 तक अनिवार्य रूप से कार्बन उदासीन होना आवश्यक है।
डब्लू.एम.ओ. बुलेटिन, कैटोविस, पोलैंड में सी.ओ.पी. 24 में जलवायु वार्तालाप के प्रारंभ होने के ठीक पहले अथवा एक सप्‍ताह पहले प्रकाशित की जाती है, जहां पर सभी देश, पेरिस जलवायु समझौते के प्रति अभ्‍यासों और गर्म गैसों के उत्‍सर्जन को कम करने के प्रति अपनी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
कार्बन डाईऑक्‍साइड के अतिरिक्‍त, डब्लू.एम.ओ. ने मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड और ओजोन का क्षय करने वाली सी.एफ.सी.-11 जैसी अन्‍य शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तरों पर भी प्रकाश डाला है।
सी.एफ.सी.-11 गैस
सी.एफ.सी.-11 के संदर्भ में कई रिपोर्टें हैं कि यह घर तपावरोधन में प्रयोग की जाने वाली गैस है।
सी.एफ.सी.-11 ओजोन परत का क्षय करने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है जब कि ग्लोबल वार्मिंग में भी योगदान देती है।
ओजोन परत की रक्षा करने हेतु वैश्विक समझौते 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के अंतर्गत सी.एफ.सी.-11 के उत्‍पादन को बंद कर दिया गया था।
मेथेन
मेथेन दूसरी सबसे महत्वपूर्ण ग्रीन हाउस गैस है और वायुमंडल में इसका लगभग 60% हिस्‍सा मवेशी खेती, चावल की खेती और जीवाश्म ईंधन निष्कर्षण जैसी मानव गतिविधियों से उत्‍पन्‍न होता है।
नाइट्रस ऑक्साइड
नाइट्रस ऑक्साइड, प्राकृतिक और मानव स्रोतों से उत्‍पन्‍न होती है जिसमें उर्वरक उपयोग और उद्योग भी शामिल हैं।
अब यह पूर्व-औद्योगिक स्तर की लगभग 122 प्रतिशत है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –पर्यावरण मुद्दे
स्रोत- बी.बी.सी. न्‍यूज
*2.सी.सी.ई.ए. ने जूट सामग्री में अनिवार्य पैकेजिंग के लिए मानदंडों के विस्तार को मंजूरी प्रदान की है।*
आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल समिति (सी.सी.ई.ए.) ने जूट पैकेजिंग सामग्री (जे.पी.एम.) अधिनियम, 1987 के अंतर्गत अनिवार्य पैकेजिंग मानदंडों के दायरे को विस्तारित करने की मंजूरी प्रदान की है।
इसने मंजूरी दी है कि अनाजों का 100% और चीनी का 20% उत्‍पादन अनिवार्य रूप से विविध जूट बैग में पैक किया जाएगा।
प्रारंभ में, जी.ईएम. पार्टल पर रिवर्स नीलामी के माध्‍यम से खाद्य अनाजों को पैक करने के लिए जूट बैग के 10% इंडेंट रखे जाएंगे।
यह कच्चे जूट की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाने, जूट क्षेत्र का विविधीकरण करने और जूट उत्पादों की मांग को बढ़ाने और बनाए रखने में मदद करेगा।
भारत, विश्‍व में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक अथवा निर्माता (लगभग 60%) है, इसके बाद बांग्लादेश और चीन हैं।
शीर्ष जूट उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और ओडिशा हैं।
सरकार द्वारा किए गए अन्य उपाय-
जूट आई.केयर के नाम से प्रसिद्ध, सावधानीपूर्वक डिजाइन किए गए अनुयोजन के माध्यम से कच्चे जूट की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार करना है।
जूट क्षेत्र के विविधीकरण का समर्थन करने हेतु राष्ट्रीय जूट बोर्ड ने राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के साथ मिलकर काम किया है और गांधीनगर में एक जूट डिजाइन इकाई खोली गयी है।
जूट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से दिसंबर, 2016 में जूट स्‍मार्ट नामक एक ई-सरकारी पहल शुरू की गई है, जो सरकारी संस्‍थाओं द्वारा बी.-ट्विल बोरे भरने के कार्य की खरीद के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान कर रही है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 – महत्‍वूपर्ण उद्योग
स्रोत-पी.आई.बी.
*3.भारत मारिजुआना से उत्‍पन्न दवाओं का अध्ययन करेगा।*
आयुर्वेदिक औषधियों में अनुसंधान के संवर्धन हेतु भारत में तीन प्रमुख विज्ञान प्रशासक- वैज्ञानिक एंव औद्योगिक अनुसंधान परिषद, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और जैव प्रौद्योगिकी विभाग एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
इस प्रकार के अध्‍ययनों में पहली बार सी.एस.आई.आर.- भारतीय समग्र औषधि संस्‍थान (सी.एस.आई.आर.-आई.आई.आई.एम.) और टाटा मेमोरियल सेंटर (टी.एम.सी.), मुंबई द्वारा संयुक्त रूप से अनुसंधान शुरू करने की संभावना है।
मारिजुआना की चिकित्सकीय क्षमता का अध्ययन एक बड़े सरकारी प्रयास का हिस्‍सा है, जो आयुर्वैदिक और अन्य पारंपरिक दवा ज्ञान प्रणालियों में उल्लिखित जड़ी बूटियों और पौधों से नई दवाएं प्राप्‍त करने हेतु किया जा रहा है।
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मारिजुआना
मारिजुआना, कैनाबिस सैतिवा- गांजे के पौधे की सूखी, कटी हुई पत्तियों, तनों, बीज और फलों का हरा-ग्रे रंग का मिश्रण है।
ज्यादातर लोग मारिजुआना से धूम्रपान करते हैं, इसे अन्य रूपों जैसे कि खाने, पाउडर और तेलों के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसे कैंसर, तंत्रिका तंत्र रोगों, ग्लूकोमा, माइग्रेन इत्यादि जैसे चिकित्सा मुद्दों में दर्द को नियंत्रित करने हेतु प्रयोग किया जाता है और इसके अतिरिक्‍त इसका प्रयोग जी मिचलाने और एच.आई.वी. अथवा अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीजों की भूख में सुधार करने हेतु किया जाता है।
कैनाबिस, अधिकांश देशों में प्रतिबंधित है लेकिन हाल के वर्षों में कई देशों ने इसका उपयोग शुरू कर दिया है।
भारत में इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है?
कैनाबिस, भारत में प्राचीन काल से 2000 ईसा पूर्व से उपयोग किया जा रहा है।
कैनाबिस के पौधे को वेदों में पांच पवित्र पौधों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है।
भांग, कैनाबिस से तैयार की गई एक खाद्य सामग्री है जिसे ‘या तो पेय या धूम्रपान के रूप में ग्रहण किया जा सकता है’। होली और महाशिवरात्रि के हिंदू त्यौहारों के दौरान इसका प्रयोग सामान्‍यत: किया जाता है।
टॉपिक- जी.एस. पेपर 2 – स्‍वास्‍थ्‍य
स्रोत-पी.आई.बी.
*4.केंद्र सूची में ओ.बी.सी. का उप-वर्गीकरण*
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.) के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग के कार्यकाल को 31 मई, 2019 तक विस्‍तारित करने की मंजूरी प्रदान की है।
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केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के अनुमोदन के साथ अक्टूबर, 2017 में संविधान के अनुच्छेद 340 के अंतर्गत पांच सदस्यों के आयोग का गठन किया था।
इस आयोग के अध्‍यक्ष दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी. रोहिणी हैं।
इसकी रिपोर्ट में ओ.बी.सी. के अंतर्गत अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित उप-कोटा की सिफारिश करने की उम्मीद है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –गवर्नैंस
स्रोत- द हिंदू
*5.मणिपुर में सांगई महोत्सव प्रारंभ हुआ है।*
संगाई महोत्‍सव, मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करता है, हप्ताकांगजीबंग में रोमांचक गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाता है जो इम्‍फाल का ऐतिहासिक महल परिसर है।
यह राज्य का सबसे बड़ा त्यौहार है, इस राज्‍य का नाम संगाई, एक पशु के नाम पर रखा गया है।
इस महोत्‍सव का उद्देश्‍य मणिपुर को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देना है।
इस महोत्‍सव में आकर्षण के प्रमुख केंद्र मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और राज्य में निवास करने वाली विभिन्न जनजातियों का कला के प्रति प्यार हैं।
इसके अतिरिक्‍त यह बांस नृत्य, माईबी नृत्य, कबुई नागा नृत्य, लाई हरौबा नृत्य, खंबा थोईबी नृत्य आदि जैसे विभिन्‍न अन्य लोक नृत्यों के साथ राज्‍य के शास्‍त्रीय नृत्‍य रूप ‘रास लीला’ का प्रदर्शन भी करता है
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संगाई हिरण
संगाई हिरण (रूसरवुसेल्‍डी) को नृत्य हिरण भी कहा जाता है।
यह मणिपुर का राज्य पशु है।
यह मणिपुर की स्‍थानिक प्रजाति है, एक बार यह मणिपुर घाटी पर प्रचुर मात्रा में पाए गए थे लेकिन अब केवल इसके शेष प्राकृतिक निवासी कीबुललामजाओ राष्‍ट्रीय उद्यान (के.एल.एन.पी.) में पाए जाते हैं जो विश्‍व का एक मात्र तैरता हुआ राष्‍ट्रीय उद्यान है।
इसे अंतर्राष्‍ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आई.यू.सी.एन.) द्वारा गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
कीबुललामजाओ राष्‍ट्रीय उद्यान, मणिपुर की लोकटक झील में एक तैरता हुआ बायोमास है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 1 –कला एवं संस्‍कृति
स्रोत- द हिंदू
*6.भारत, वर्ष 2019 में हैदराबाद में फेफड़ों के स्वास्थ्य पर 50वें केंद्रीय विश्व सम्मेलन की मेजबानी करेगा।*
फेफड़ों के स्वास्थ्य पर 50वें केंद्रीय विश्व सम्मेलन का हैदराबाद में आयोजन किया जाएगा जो इस क्षेत्र में काम करने वाला एक वैश्विक संगठन है।
इस सम्मेलन की थीम: “आपातकाल समाप्त करना: विज्ञान, नेतृत्व, कार्य” है।
इसे टी.बी. पर पहली बार आयोजित की जाने वाली संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.) उच्चस्तरीय बैठक और छुआ-छूत की बीमारियों पर तीसरी बार आयोजित की जाने वाली संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय बैठक के बाद आयोजित किया जाएगा।
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क्षय रोग (टी.बी.)
क्षय रोग (टी.बी.), एक रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी है जो आज के समय में एच.आई.वी./ एड्स जैसी भयानक बीमारियों की तुलना में अधिक लागों की जान ले रही हैं और यह विश्‍व का सबसे बड़ा संक्रामक रोग है।
विश्‍व में भारत में टी.बी. के सबसे ज्‍यादा मरीज हैं, भारत में वैश्विक रूप से रहने वाले चार में से एक व्‍यक्ति क्षय रोग से पीडि़त है।
वर्ष 2030 तक तपेदिक को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध विश्व के नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक राजनीतिक घोषणा में इस बैठक का समापन किया गया है।
भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत में टीबी को खत्म करने का वचन लिया है।
टॉपिक- जी.एस. पेपर 2 –स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित महत्‍वूपर्ण सम्‍मेलन
स्रोत- इंडियन एक्‍सप्रेस
*7.वानुआतु: एक छोटे द्वीप राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जीवाश्म ईंधन उद्योगों पर कार्यवाही करने की धमकी दी है।*.
वानुआतु के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि द्वीप राष्ट्र, उन जीवाश्म ईंधन कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है जो निरंतर रूप से पर्यावरण का शोषण करती रहेंगी।
उन देशों के लिए भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए जो पर्यावरण शोषण और जलवायु परिवर्तन के परिणामी प्रभावों को रोकने में विफल होने हेतु उद्योगों को सुविधा प्रदान करते हैं।
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वानुआतु
वानुआतु, दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक प्रशांत द्वीप देश है, जिसकी जनसंख्या लगभग 260,000 है।
इस देश में 82 ज्वालामुखीय द्वीप शामिल हैं जो 1,280 कि.मी. समुद्र में फैले हुए हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 – पर्यावरण
स्रोत- डाउन टू अर्थ
*8.एम.एच.-60 आर. मल्‍टी-रोल हेलीकॉप्टर (एम.आर.एच.)*
हाल ही में भारत ने नौसेना के लिए 24 एम.एच.-60 आर. मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (एम.आर.एच.) की खरीद के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (यू.एस.ए.) से औपचारिक अनुरोध किया है।
वर्तमान में भारतीय नौसेना हेलीकॉप्टरों की गंभीर कमी का सामना कर रही है।
यह खरीद फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर हेलीकॉप्टरों की कमी को आंशिक रूप से कम करने में मदद करेगी और एकीकृत वायु एंटी-सबमरीन वारफेयर (ए.एस.डब्लू.) क्षमता में नौसेना के परिचालन को शुरू करेगी।
एम.एच.-60 आर.
यह अमेरिकी नौसेना के एंटी-सबमरीन वारफेयर (ए.एस.डब्ल्यू.) की क्षमता का एक महत्वपूर्ण हिस्‍सा है।
एम.एच.-60आर., जो वर्तमान में अमेरिका के साथ कार्यरत है, एक आधुनिक और सिद्ध बहु-मिशन मंच है जो एंटी-शिप, एंटी-पनडुब्बी, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर को ले जाने में और नौसेना के लिए आवश्‍यक आसमान में परिणाम केंद्रित आक्रामक और रक्षात्मक भूमिकाओं को निभाने में भी सक्षम है।
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पिछले दो महीनों में, भारत ने एस.-400 लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणालियों और चार स्‍टील्‍थ युद्धपोतों के लिए रूस के साथ बहु अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह सौदे, प्रतिबंध अधिनियम कानून (सी.ए.ए.टी.एस.ए.) के माध्‍यम से अमेरिका के विरोधियों का मुकाबला करने के अंतर्गत अमेरिका के धमकी प्रतिबंधों की पृष्‍ठभूमि से आते हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 – रक्षा
स्रोत- द हिंदू.
*_9. पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा गुरु नानक जयंती पर 26 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई_*
_पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व पर 23 नवंबर 2018 को राज्य में मुख्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी.  मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरु नानक देव के 550वें जयंती वर्ष कार्यक्रमों के तहत 150 करोड़ रुपये लागत वाली 26 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया._
_सरकार गुरु नानकदेवजी मार्ग के निर्माण की योजना भी बना रही है. मुख्यमंत्री ने स्मृति सिक्के और डाक टिकट जारी करने के केंद्र के फैसले का भी स्वागत किया. गौरतलब है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म 1469 में हुआ था. इस वर्ष उनकी 549वीं जयंती मनाई गई है._
*_10. प्रसिद्ध हिंदी लेखक हिमांशु जोशी का निधन_*
_हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार और पत्रकार हिमांशु जोशी का 23 नवंबर 2018 को निधन हो गया. वे 83 वर्ष के थे तथा लंबे समय से बीमार थे. हिमांशु जोशी उत्तराखंड के रहने वाले थे. हिमांशु जोशी ने हिंदी साहित्य में अनेक प्रसिद्ध रचनाएं लिखी थीं._
_हिमांशु जोशी को हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू भाषा का अच्छा ज्ञान था. उन्होंने कई कहानी संग्रह, कविता संग्रह और आंचलिक कहानियां लिखी हैं. कहानियों में ‘अंतत:’, ‘मनुष्य चिन्ह’, ‘जलते हुए डैने’, तपस्या, गंधर्व कथा, ‘श्रेष्ठ प्रेम कहानियां’, ‘इस बार फिर बर्फ गिरी तो’, ‘नंगे पांवों के निशान’, ‘दस कहानियां’ प्रमुख हैं. अग्नि-सम्भव, नील नदी का वृक्ष, एक आँख की कविता, में उनकी कविताओं के संकलन हैं._
*_11. भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य पांच समझौतों पर हस्ताक्षर_*
_भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 22 नवंबर 2018 को एग्रीकल्चरल रिसर्च (कृषि शोध) और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग और निवेश बढ़ाने के लिए पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. पहला समझौता अशक्तता क्षेत्र के लिए है. इसके तहत विशेष तौर पर सक्षम लोगों के लिए सेवाओं को बेहतर किया जाएगा.  दूसरा समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार में द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के लिए इंवेस्ट इंडिया और ऑस्ट्रेड के बीच किया गया है._
_तीसरा समझौता केंद्रीय खनन योजना एवं डिजाइन संस्थान, रांची और कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड रिचर्स ऑर्गेनाइजेशन, कैनबरा के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया है. चौथा समझौता आचार्य एन. जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय गुंटूर और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, पर्थ के बीच कृषि शोध में सहयोग बढ़ाने के लिए हुआ है. अंतिम समझौता इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगकी संस्थान दिल्ली और क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ब्रिसबेन के बीच संयुक्त पीएचडी के लिए हुआ है._
*_12. राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग की_*
_जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग (Jammu-Kashmir Assembly) हो गई है. यह कार्रवाई तब हुई, जब 21 नवम्बर 2018 को विभिन्न पार्टियों की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया गया. इसके तत्काल बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक की ओर से विधानसभा भंग करने की कार्रवाई की गई._
_राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने धारा 53 के तहत विधानसभा भंग करने का आदेश दिया. इससे पहले पीडीपी ने एनसी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था. विधानसभा भंग होने के बाद सरकार बनने की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं. राजभवन ने राज्यपाल की तरफ से एक बयान जारी कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिरता व सुरक्षा का माहौल बनाने और स्पष्ट बहुमत वाली सरकार के गठन के लिए उचित समय पर चुनाव कराने के इरादे से ही मौजूदा विधानसभा को भंग किया गया है._
*_13. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार यौन उत्पीड़न के विरुद्ध प्रस्ताव को मंज़ूरी दी_*
_संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति द्वारा पहली बार यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है. इस प्रस्ताव में यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक आदर्श ढाँचे का प्रस्ताव दिया गया है. इस प्रस्ताव के तहत सदस्य राष्ट्रों से यौन उत्पीड़न सहित महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की निंदा करने और ऐसी हिंसा को खत्म करने की नीति अपनाने का आग्रह किया गया है._
_इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी देशों को महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के संबंध में कड़े कदम उठाने चाहिए. महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षित रखने के लिए किसी भी प्रकार की प्रथा या परंपरा को बीच में नहीं लाना चाहिए._
*_14. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र ने पूरे किए 20 साल_*
_अंतरिक्ष में 20 नवम्बर 2018 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र ने 20 साल पूरे किए. अंतरिक्ष को करीब से जानने समझने के लिए 20 नवंबर 1998 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) को अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था._
_यह स्टेशन 17,500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी का चक्कर लगा रहा पृथ्वी से अंतरिक्ष में भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी वस्तु है. पृथ्वी के अधिकतर हिस्से से बिना किसी उपकरण के देखा जा सकने वाला यह केंद्र आकार में किसी फुटबाल मैदान जितना बड़ा है._
*_15. वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में 11,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने_*
_घरेलू क्रिकेट में रन बटोरने वाले भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व ओपनर वसीम जाफर ने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है. वह रणजी ट्रॉफी में 11,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं. जाफर ने विदर्भ की तरफ से बड़ौदा के खिलाफ 153 रन की शानदार खेली और इस बीच 11,000 रन भी पूरे किए. जाफर ने इस बीच फैज फजल (151) के साथ 300 रन की साझेदारी की_
_यह चौथा अवसर है जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी में 300 या इससे अधिक रन की साझेदारी की. चालीस वर्षीय वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में मुंबई की ओर से भी खेल चुके हैं. उन्होंने ओपनर की हैसियत से भारत की ओर से भी 31 टेस्ट  मैच और दो वनडे खेले हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम पर 34.1 के औसत से 1944 रन हैं, इस दौरान 212 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है._
*_16. दुनिया भर के मलेरिया के कुल मामलों में से 80% मामले भारत और अफ्रीकी देशों से: डब्ल्यूएचओ_*
_विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में पिछले साल (वर्ष 2017) मलेरिया के 80% मामले नाइजीरिया, कॉन्गो, युगांडा, मोज़ांबिक व मेडागास्कर समेत 15 अफ्रीकी देशों और भारत में दर्ज हुए. बतौर डब्ल्यूएचओ, भारत में 2017 में 2016 के मुकाबले मलेरिया के कम मामले सामने आए और रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1.25 अरब लोग इस मच्छर जनित बीमारी की चपेट में आने की कगार पर थे._
_हालांकि डब्ल्यूएचओ की 2018 के लिए विश्व मलेरिया रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात भी कही गई है जिसके मुताबिक भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में मलेरिया के मामलों को घटाने में प्रगति की है. विश्व भर में मलेरिया के करीब आधे मामले पांच देशों से सामने आए जिनमें नाइजीरिया (25 प्रतिशत), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (11 प्रतिशत), मोजाम्बिक (पांच प्रतिशत) और भारत व युगांडा से चार-चार प्रतिशत मामले देखे गए._
*_17. ‘रेडियो कश्मीर – इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर’ पुस्तक का विमोचन किया गया_*
_पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 20 नवंबर 2018 को नई दिल्ली में डॉ. राजेश भट्ट द्वारा लिखित ‘रेडियो कश्मीर – इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर’ (रेडियो कश्मीर-शांति एवं युद्ध काल में) नामक पुस्तक का विमोचन किया._
_रेडियो कश्मी‍र – इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर नामक पुस्तक गहरे और विस्तृ्त शोध पर आधारित है तथा लेखक ने देश के कल्याण एवं सुरक्षा संबंधी विभिन्नॉ मुद्दों के मद्देनज़र सरकार और जनता के रणनीतिक हितों को सुरक्षित बनाने में मीडिया द्वारा निभाई गई अहम भूमिका को रेखांकित किया है._
*_18. बीबीसी द्वारा जारी विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में तीन भारतीय_*
_बीबीसी ने विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची जारी की. इसमें विश्व के अलग-अलग देशों की 100 महिलाओं को स्थान दिया गया है. इस सूची में जहां भारत की तीन महिलाएं हैं, वहीं पाकिस्तान की एक महिला शामिल है जो कि एक हिंदू हैं. इस सूची में 15 से 60 वर्ष की 100 महिलायें हैं जिन्हें 60 देशों से चयनित किया गया है._
_इस सूची में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की बेटी चेल्सिया क्लिंटन का भी नाम है. उन्हें क्लिंटन फाउंडेशन के लिए उल्लेखनीय कार्य करने के लिए नामित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने लाचार सीरियाई छात्रा नुजीन मुस्तफा के जरिये शरणार्थियों की मदद की._
19.क्‍वाड्रीसाइकिल को गैर-परिवहन वाहन के रूप में शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी
परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन कानून 1988 के अंतर्गत ‘क्‍वाड्रीसाइकिल’  को एक ‘गैर-परिवहन’ वाहन के रूप में शामिल करने की अधिसूचना जारी की है।
क्‍वाड्रीसाइकिल एक ऐसा वाहन है, जिसका आकार थ्री-व्हीलर जैसा है, लेकिन इसमें चार टायर हैं और कार की तरह पूरी तरह ढका हुआ है।
इसमें थ्री-व्‍हीलर जैसा इंजन लगा हुआ है। अंतिम मील तक संपर्क कायम करने के लिए यह परिवहन का सस्‍ता और सुरक्षित जरिया है।
कानून के अंतर्गत क्‍वाड्रीसाईकिल की केवल परिवहन के लिए इस्‍तेमाल की इजाजत दी गई थी, लेकिन अब इसे गैर-परिवहन के लिए इस्‍तेमाल करने योग्‍य बना दिया गया है।
20.बारिश के प्रभाव की निगरानी के लिए आईएमडी प्रौद्योगिकी विकसित
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बारिश से नदियों और जलाशयों में जल स्तर के आकलन के लिए एक नई तकनीक विकसित की है।
‘इंपैक्ट बेस्ड फोरकास्टिंग एप्रोच’ नामक यह तकनीक, राज्य सरकारों को बारिश के प्रभाव की निगरानी करने में मदद कर सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मौसम विज्ञान प्रक्षेण, मौसम पूर्वानुमान और भूकम्प विज्ञान का कार्यभार संभालने वाली सर्वप्रमुख एजेंसी है।
मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसके महानिदेशक के. जे. रमेश हैं।
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