लालू यादल पशुपति पारस मुलाकात से बिहार की राजनीति में आया भूचाल

बिहार का इतिहास रहा है कि मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित होने वाले दही-चूड़ा भोज में कई सियासी समीकरण सेट होते हैं. इस बार भी, दही चूड़ा का भोज राजनीति के कई दांव-पेंच सेट हो रहे हैं. हालांकि, राज्य का राजनीतिक समीकरण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
खरमास खत्म हो चुका है. ऐसे में बिहार में राजनीतिक खेला शुरू हो गया है. आज पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने यहां दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तक को निमंत्रण भेजा गया था. हालांकि, भोज में सीएम नीतीश कुमार तो नहीं पहुंचे लेकिन लालू प्रसाद यादव जरूर आए. दोनों के बीच लंबी बात हुई.
पशुपति पारस के दही चूड़ा भोज में लालू प्रसाद यादव अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के साथ पहुंचे थे. इस दौरान पशुपति पारस ने शाल शाल भेंटकर लालू यादव को सम्मानित किया. सूत्रों के अनुसार इस दौरान लालू यादव ने पशुपति पारस को महागठबंधन के साथ आने का ग्रीन सिग्नल भी दे दिया है.
बताया जा रहा है कि एनडीए से नाराज चल पशुपति कुमार पारस लालू यादव से ग्रीन सिग्नल मिलने के साथ ही, महागठबंधन से जुड़कर आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. अब ऐसे में बिहार के सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार तेज हो गया. पशुपति पारस ने अपने निमंत्रण पर लालू के कार्यक्रम में शामिल होने पर धन्यवाद भी दिया है.
बता दें कि पहले लालू प्रसाद यादव की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला होने की बात कही थी. वहीं, अब पशुपति पारस के साथ चुनाव लड़ने पर भी लालू प्रसाद यादव ने हां कह दिया है. ऐसे में, देखना होगा कि जहां एनडीए 2005 और 2010 के अपने घटक दल के समीकरण के साथ मजबूत नजर आ रहा है. वहीं, चिराग पासवान से अलग होकर अपनी राह तलाशने वाले पशुपति पारस क्या महागठबंधन में आकर चिराग पासवान का तोड़ बन पायेंगे.