एयरपोर्टों के निजीकरण पर कर्मियों का विरोध हो रहा तेज
दिल्ली तक करेंगे दांडी मार्च
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
देश में छह कमाऊ और बेहतर प्रदर्शन करने वाले एयरपोर्टों के निजीकरण के प्रस्ताव पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया मजदूर संगठन (एएआईईए) विरोध तेज करेगा। संगठन ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि निजीकरण बंद नहीं हुआ तो कर्मचारी नई दिल्ली तक दांडी मार्च निकालेंगे।
एएआईईए के क्षेत्रीय सचिव एल. जार्ज ने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानीं गईं तो हम केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ चेन्नई से नई दिल्ली तक दांडी मार्च करेंगे।
कर्मियों ने विरोध स्वरूप गत 10 से 12 भूख हड़ताल किया था। इसमें देशभर के एएआईईए के सदस्यों ने हिस्सा लिया था। संघ के महासचिव की अगुवाई में प्रधान श्रमायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा था।
कर्मचारी 28 दिसम्बर को सामूहिक अवकाश पर जाने वाले थे, हालांकि श्रम आयुक्त ने बातचीत के लिये संगठन के राष्ट्रीय महासचिव को बुलाया। एक चरण की बैठक हो चुकी है। अगली बैठक 7 जनवरी को होगी। वार्ता के मद्देनजर सामूहिक अवकाश जाने का फैसला टाल दिया गया है।
जार्ज ने कहा कि यदि सरकार यदि एयरपोर्ट के निजीकरण पर अड़ी रही तो नई दिल्ली तक पैदल दांडी मार्च करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि जयपूर, लखनऊ, अहमदाबाद, त्रिवेंद्रम, मेंगलुरु, गुवाहाटी एयरपोर्ट के निजीकरण के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार काम कर रही है।
जार्ज का कहना है कि सरकारी व्यवस्था में चल रहे ये सारे एयरपोर्ट सेवा व सुविधाओं के मामले में वैश्विक व घरेलू संस्थाओं की रेटिंग में अव्वल रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एएसक्यू की रेटिंग में इन एयरपोर्ट को 4.5 से अधिक अंक मिले हैं।, इसके बावजूद भी सरकार इसके निजीकरण पर अड़ी है।
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