आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
विश्व का चौथा व एशिया का दूसरा सबसे बड़ा भारतीय रेल नेटवर्क जिस प्रकार से देश की सेवा में निरन्तर आधुनिक प्रौधोगिकी के द्वारा सुविधाओ को बेहतर बना रही है उसी कड़ी में आज कहना पड़ेगा कि वह दिन दूर नहीं जब केंद्रिय जांच एजेंसियों की तर्ज पर आरपीएफ भी काम करेगा।
बताते चलें कि रेलवे बोर्ड के निर्देश पर अब देश की सबसे बड़ी परिवाहन सुविधा रेलवे की सुरक्षा इकाई रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) को उन तकनीकों से लैस किया जाएगा, जिससे की अपराध और अपराधियों पर लगाने के साथ मामले के जल्द निबटारे पर काम किया जा सके।
सुरक्षित रेल यात्रा और रेल संपत्ती की सुरक्षा में आरपीएफ अब आपकों पहले से ज्यादा चुस्त-दुरुस्त नजर आएगी। इसके लिए आरपीएफ के जवानों को तकनीकी सुविधाओं से लैश किया जा रहा है। ज्ञात हो की इस योजना के तहत अब आरपीएफ के जवान उन तकनीकों का इस्तमाल कर सकेंगे जिसका इस्तमाल अबतक केवल सीबीआई, आईटी, रॉ, डीआरआई जैसी एजेंसियां करती आ रही हैं।
दक्षिण रेलवे ने हाल ही में साइबर सेल का भी गठन किया गया है जो की साइबर संबंधित समस्याओं को सुलझाने में मदद करेगी। इस साइबर टीम को कॉल डिटेल रिकार्डस एनालाइसिस सॉफ्टवेयर सुविधा भी दी गई है। इस सुविधा की मदद से व्यक्ति व विभिन्न कॉल डिटेल प्राप्त किए जा सकेंगे।
इसकी मदद से कॉल किस स्थान, टॉवर लोकेशन, कितने बार कितनी जबह फोन किया गया यह सभी विवरण प्राप्त किया जा सकेगा। अबतक इस तकनीक का इस्तमाल सीबीआई, रॉ, आईटी, डीआरआई आदि व्यवहार में लाते थे।
गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड के निर्देशों का अनुपालन करते हुए दक्षिण रेलवे आरपीएफ ने अपने जवानों को पेन होल्ड कैमरा से लैश करने वाली है। ये कैमरे आरपीएफ की इंटेलीजेंस टीम को दिए जाएंगे। इस पैन कैमरे की खासियत है कि वह सामने होने वाली घटना का वीडियो और ऑडियो दोनों रिकार्ड करता है।
आरपीएफ को तकनीकी से लैश करने के लिये अभी 26 पैन कैमरे पहले चरण में आरपीएफ के इंटेलिजेंस विंग के लोगों को दिए जाएंगे। इसके अलावा इंटेलिजेंस विंग को एक ऑडियो रिकार्डर डिवाइस से भी लैस किया जाएगा ,जो मौके पर होने वाली घटनाओ का साफ-साफ ऑडियो रिकार्ड कर सकेगा।
वहीं आरपीएफ ने अपने ट्रेन स्कार्ट पार्टी को बॉडी वियरिंग कैम से भी लैश करेगा जो गतिरत ट्रेन में होने वाली घटनाओं के साक्ष्य जुटाने में मदद करेगा। योजना के पहले चरण में फिल्हाल 26 बॉडी वियरिंग कैमरे मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा दक्षिण रेलवे विभिन्न प्रमुख स्टेशनों पर ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना में है जीसमें चेहरा पहचानने की सुविधा होगी।
जिस भी व्यक्ति का फोटो डेटा में फीड किया जाएगा ये सीसीटीवी कैमरे वैसे लोगों को भीड़ में भी पहचान लेंगे और सेंट्रल टीम को इसके बारे में अलर्ट भी करेगी।
इससे आगे जवानों को नाइट विजन डिवाइस सहित अन्य तकनीकी यंत्र से लैश करेंगे। मालूम हो की रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार वर्ष 2018 में एनईआर रेलवे में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आरपीएफ जवानों को यह सुविधाएं मुहैया करा दिया था । जिससे काफी हद तक अपराध पर लगाम पाने में रेलवे को सफलता भी मिली।बिरेंद्र कुमार, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, आरपीएफ, दक्षिण रेलवे
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