छत्तीसगढ़ में तीन कुख्यात नक्सलियों ने सरेंडर किया है

तीनों ने गरियाबंद में पुलिस के सामने आत्मसर्मपण कर दिया

आईएनएन/मुंबई,  @Infodeaofficial

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान लगातार सफल हो रहा है. तीन कुख्यात नक्सलियों ने गरियाबंद में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. खास बात यह है कि तीनों ने हथियारों के साथ सरेंडर किया है जो छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव माना जा रहा है. क्योंकि नक्सली अब बंदूक का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं. गरियाबंद में एडीजी विवेकानंद सिन्हा, आईजी अमरेश मिश्रा और सीआरपीएफ के अफसरों की मौजूदगी में एसडीके एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप उर्फ संतु ने ऑटोमैटिक हथियार के साथ सरेंडर किया है. उसके साथ उसके दो और साथी थे.

यह तीनों नक्सली गरियाबंद जिले में लंबे समय से सक्रिए थे. पुलिस ने इन पर 15 लाख रुपए का इनाम भी रखा था. दिलीप उर्फ संतु ने ऑटोमैटिक हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया, इसके साथ दो महिला नक्सली मंजुला उर्फ लखमी और सुनीता उर्फ जुमकी ने भी सरेंडर किया. तीनों ने पुलिस से मुख्यधारा में वापसी करने की बात कही है. गरियाबंद पुलिस के लिए भी यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. क्योंकि यहां नक्सल संगठन धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं.

बता दें कि 20 जनवरी 2025 को गरियाबंद जिले के भालू डिगी के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सीसी मेंबर चलपती और डिविजन कमांडर सत्यम गावड़े जैसे बड़े कमांडर ढेर हुए थे. इस मुठभेड़ में कुल 16 नक्सली मारे गए थे, जिन पर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम था. ये तीनों भी इस मुठभेड़ में शामिल थे, लेकिन तब यह बच गए थे, जिसके बाद इन्होंने सरेंडर का रास्ता अपनाया है.

छतीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने x पर लिखा

छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर गरियाबंद जिले में 18 लाख के इनामी 3 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। नक्सलवाद के कुचक्र में फंसे लोग अब पुनः समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जो स्वागतेय है। हमारी सरकार इन लोगों के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है।

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