छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे की डेडलाइन 2026 : अमित शाह
आईएनएन/रायपुर, @Infodeaofficial
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे के लिए 2026 की डेडलाइन केंद्र सरकार ने जारी की है। जिसे लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार फोर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे है। जनवरी 2024 से लेकर नवंबर 2024 तक सुरक्षा बल ने 257 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। अब तक 861 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 789 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। छतीसगढ़ सरकार नक्सलियों के पुनर्वास के लिए नई नीति के तहत, आत्मसमर्पित नक्सलियों और हिंसा के पीड़ितों को 15,000 घर दिए जाएंगे, कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और 10,000 रुपए प्रति माह का वजीफा दिया जाएगा।
लोन वर्राटू अभियान के तहत लाल आतंक का रास्ता अख्तियार कर चुके नक्सलियों को सरेंडर करने का मौका दिया जाता है। इसका अर्थ घर वापस आना होता है। इसे बस्तर में घर वापसी अभियान के नाम से भी जाना जाता है। जिसके जरिए नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं। दूसरी ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास उत्थान के लिए लगातार सरकार काम कर रही है। जिससे उन क्षेत्रों में नक्सलियों का भय खत्म हो और शांति का वातावरण बन सके।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा नक्सलियों को मां दंतेश्वरी की भूमि की शांति में खलल नहीं डालने देंगे। जिन्होंने हथियार डाल दिए उनका स्वागत है। नक्सल हमलों से प्रभावितों के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त 15 हजार पीएम आवास दिए जा रहे हैं। मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के कारण हिंसा छोड़ मुख्यधारा में शामिल हुए लोग प्रदेश के विकास में योगदान दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव साय डीडी न्यूज़ से बातचीत में ने कहा है की आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए सरकार ने बेहतर प्रावधान किए है जो उनके जीवन को नई दिशा प्रदान करेगी। नक्सलवाद के साथ मजबूती से लड़ाई लड़ रहे है । सुरक्षा बल के जवान बड़ी बहादुरी के साथ नक्सलियों का इनकाउटर कर रहे है। सरकार कैडर को मुख्यधारा में फिर से शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए एक नई पुनर्वास नीति लेकर आई है। सरकार ने हाल ही में आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सली हिंसा के पीड़ितों को 15,000 घर देने की घोषणा की है। हम उन्हें कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे और 10,000 रुपए प्रति माह का वजीफा देंगे। इस साल 1500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है या गिरफ्तार किए गए हैं।