ईडी ने आईएएस अधिकारी हंस के मामले में छापेमारी कर करीब 11 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की
आईएनएन/नयी दिल्ली, @Infodeaofficial
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बताया कि उसने बिहार में पदस्थ रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के दौरान संदेह के दायरे में आए कुछ लोगों के खिलाफ ताजा छापेमारी के दौरान 11.64 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। संघीय एजेंसी ने बताया कि पटना में सात स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की गई थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि उसने बिहार निर्माण विभाग (बीसीडी) के मुख्य अभियंता तारिणी दास, बिहार सरकार के वित्त विभाग में संयुक्त सचिव मुमुक्षु चौधरी और शहरी विकास एवं आवास विभाग (यूडीएचडी) के कार्यकारी अभियंता उमेश कुमार सिंह के परिसरों की तलाशी ली।
संघीय एजेंसी के मुताबिक, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बीयूआईडीसीओ) के उप परियोजना निदेशक अयाज अहमद, बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) के डीजीएम (परियोजनाएं) सागर जायसवाल, बीएमएसआईसीएल के डीजीएम विकास झा और बिहार निर्माण विभाग (बीसीडी) के कार्यपालक अभियंता साकेत कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। इसमें दावा किया गया है कि इन अधिकारियों को कई निविदाओं में ‘अनुकूल’ परिणाम देने के साथ-साथ पटना स्थित रिशु श्री नामक ठेकेदार सहित विभिन्न ठेकेदारों के बिलों के भुगतान के लिए रिश्वत दी गई थी।
ईडी की कार्रवाई और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए किसी भी अधिकारी या उनके कानूनी प्रतिनिधियों से संपर्क नहीं हो सका। ईडी ने बताया कि तलाशी में करीब 11.64 करोड़ रुपये नकद, कई संपत्तियों के दस्तावेज, रिश्वत के पैसे के बंटवारे से संबंधित कुछ कागजात और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए। एजेंसी ने हालांकि, यह नहीं बताया कि किसके परिसर से कितनी नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए।
बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत रहे 1997 बैच के नौकरशाह हंस के खिलाफ धन शोधन का मामला बिहार पुलिस की विशेष सतर्कता इकाई की प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है। ईडी ने आरोप लगाया है कि हंस ने ‘‘बिहार सरकार में विभिन्न प्रमुख पदों पर रहते हुए और 2018-2023 के दौरान केंद्रीय प्रतिनियुक्तियों के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त होकर अवैध धन अर्जित किया।’’