पारिवारिक मुल्यों के घटने से बढ़ रही हिंसा

आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial

पारिवारिक मुल्यों के घटने से ही पिछले दशकों में देश में बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम पारिवारिक मुल्यों और सिद्धतों के प्रति जागरुकता के लिए कार्यक्रम का आयोजन करें।

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान न्यायाधीश एन. कृपाकरण ने यह कहा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अजा के दौर में संयुक्त परिवार की प्रथा ही खत्म होती जा रही है जो इन सामाजिक बुराइयों का मूल कारण है। 

अधिवक्ता एपी सुर्यप्रकाशम की कीताब विमोचन के दौरान जज ने कहा कि संयुक्त परिवार में हमे व्यवहारिक शिक्षा दादा-दादी और अपने बड़ों से मिलती थी, अब जब वह प्रथा खत्म होती जा रही है तो व्यवहारिक ज्ञान और अच्छे व बुरे का ज्ञान हम अपने बच्चों को नहीं दे पा रहे हैं।

आजकल परिवार और लोग मशीन या सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काफी व्यस्त रहते हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और जूर्म की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं। ये घटनाएं मनुष्य में बढ़ती विकृति को दर्शाती हैं हमें उसमें सूधार लाने की जरूरत है नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब इंसान दूसरे इंसान का दूश्मन बन जाएगा।

इस मौंके पर मौजूद पूर्व न्यायाधीश केएन बाशा ने कहा कि शराब व अन्य ड्रग का भी समाज और लोगों को बिगाडऩे का प्रमुख कारक है। आज के दौर में सबकुछ बड़ी आसानी से मिल जाता है। माता-पिता भी अपने बच्चों का बेहतर ध्यान नहीं रखते जिसके कारण समाज में काफी बुराइयां पैदा ले रही हैं। सबसे ज्यादा इन बुराइयों का शिकार महिलाएं और बच्चे हो रहे है जो हृदय को और द्रवित कर देता है।

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