त्योहारों की संस्कृति को बचाना युवाओ का फर्ज है

विक्रम जैन/आईएनएन नेल्लोर@Jainvikaram18

संक्रांति के त्यौहार पर चारों तरफ खुशियाँ रहती है। अपनो से दूर रहने वाले भी अपनो के साथ इस त्यौहार को बड़ी हर्षोउल्लास के साथ मानते है। इसी संस्कृति को कायम रखने के लिए घर के बड़े लोग अपने बच्चो को इस त्योहार के बारे में समझाकर इसका ऐतिहासिक महत्व बताते है और आज की युवा पीढी जो इन सभी त्यौहार से दूर रहती है उन लोगो को एक अच्छा संदेश देने के लिए फर्स्ट स्टेप फाउंडेशन के युवाओ ने इस बार अपनी संक्रांति बुजुर्गो के साथ मानाने का निर्णय लिया।

इसी दौरान रविवार को शहर के गीतमय वृद्धाश्रम में जा कर उन्हें  बांटे और खाने पीने की वस्तुएं भेंट दी। युवाओ ने उनके साथ पूरा दिन बिताया। खेल- खेले और ढेर सारी बाते भी साझा किया।

बुजुर्ग महिलाओ के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन कर विजेताओं को पुरस्कार दिया गया। युवाओ के इस कार्यक्रम से उनके पोते और परपौत्र की याद आ गयी।

संस्था के राकेश,लक्ष्मी,ज्योति,और संदीप का मानना है की संक्रांति त्योहार एक बड़ा त्योहार है और इस त्योहार के दौरान परिवार के सभी एक दूसरे से मिल कर अपनी सारी पुरानी बातें भूल कर एक हो जाते है।

इस वृद्धश्रम में जी रहे बुजुर्गों को भी उनके बेटे,पोतों की याद आता होगा। उन्हें वही परिवार का सुख संतोष दिलाने के लिए सभी युवाओ ने मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया। जो समाज में मिशाल कायम होता नजर आ रहा है।

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