कार्तिक पूर्णिमा पर महास्नान के साथ पुष्कर मेले का हुआ समापन
INN/Pushkar, @Infodeaofficial
हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर महास्नान के साथ इस मेले का समापन हो जाता है। दुनियाभर में प्रसिद्ध पुष्कर में हर साल कार्तिक में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। श्रद्धालु पुष्कर सरोवर में स्नान करने के बाद ब्रह्माजी के दर्शन करते हैं। यूं तो यहां देवउठनी एकादशी से विशेष स्नान शुरू हो जाता है। लेकिन पुष्कर स्नान का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन शास्त्रों में सबसे लाभदायक बताया है। पुष्कर स्नान करने से क्या लाभ है।
अजमेर का पुष्कर मेला ही नहीं,वरन यहां के सरोवर में श्रद्धा की डूबकी का अपना खास महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि सनातन धर्म में पुष्कर सरोवर में स्नान करने मात्र से इंसानों के कई कष्टों का निवारण हो जाता है। सनातन धर्म में माना जात है कि पुष्कर ब्रह्मा जी का एक मात्र स्थान है। स्वयं ब्रह्मा जी के हाथ से यहां पुष्प छूट कर गिरा था। जिस जगह यह पुष्प गिरा उस जगह ब्रह्मा जी द्वारा यज्ञ कराया गया। पुष्प गिरने के कारण इस पौराणिक स्थान का नाम पुष्कर तीर्थ पड़ गया।प्रत्येक पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर सरोवर में लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं।
माना जाता है कि पुष्कर स्नान करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता है कि पुष्कर को तीर्थों का मुख कहा गया है और जिस प्रकार प्रयाग को तीर्थों का राजा कहा जाता है उसी प्रकार इसे पुष्कराज कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर स्नान करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। क्योंकि यह सरोवर पंच तीर्थो में से एक है। यह जो भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करता है। उसके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। इस पवित्र सरोवर में स्नान करने से मन शांत हो जाता है और जीवन में सफलता मिलती है।
कार्तिक माह में महिलाओं द्वारा कार्तिक स्नान किया जाता है। प्राचीन तालाब के अलावा ग्रामीण अंचलों में भी नदी तालाब में स्नान होते है। लेकिन यहीं स्नान जब पावन पुष्कर सरोवर का हो जाए तो इससे उत्तम और कुछ हो ही नहीं सकता। कार्तिक व्रत रखने वाली महिलाएं यहां आकर दीप प्रज्जवलित करते हुए पूजा अर्चना करती है। एक माह तक महिलाएं सुबह 5 बजे से स्नान कर पूजा अर्चना करती हैं। कार्तिक माह का उपवास करने वाली महिलाओं ने मंदिरों एवं आसपास के जलाशयों में पहुंचकर पूजन कर दीप दान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में व्रत उपवास रखकर महिलाएं परिवार की सुख समृद्धि के लिए स्नान किए जाते है।
पुष्कर के पवित्र सरोवर के सभी 52 घाटों पर श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में धार्मिक स्नान किया । आज सुबह होते ही घाटों पर धार्मिक आस्था भारी होने लगी और घाट पर महिला-पुरुषों, बुजुर्गों -युवाओं और बच्चों का जमावड़ा शुरू हो गया। सभी ने सरोवर की पूजा अर्चना कर खुशहाली की मनोकामना की।