उदयपुर में अनूठा स्कूल

उदयपुर में अनूठा स्कूल, आधुनिकता के साथ वैदिक गुरुकुल से होती है पढ़ाई, प्रकृति के बीच स्ट्रेस फ़्री वातावरण

INN/Jaypur, @Infodeaofficial

उदयपुर शहर से 10 किमी दूर ढीकली के पहाड़ों की तलहटी में स्थित श्रीकुलम आश्रम अपने आप में अनूठा स्कूल है. यह प्रदेश का पहला फॉरेस्ट स्कूल है जहां गुरुकुल पद्धति से आधुनिक शिक्षा दी जा रही हैं. श्री विद्या फॉरेस्ट स्कूल की खासियत है कि सुबह प्रार्थना के साथ होती यहां के बच्चे महादेव का अभिषेक कर अध्ययन की शुरुआत करते हैं. आश्रम की साध्वी भुवनेश्वरी पुरी का मानना है कि बड़े-बड़े भवनों वाले स्कूल से हमारे बच्चों को प्रकृति से दूर कर रहे है और उनके सोचने समझने की क्षमता को सीमित कर रहे हैं. जबकि यहां के बच्चों को 50 से अधिक योगासन आते हैं और शास्त्रीय संगीत में शास्त्रीय संगीत का गायन सिखाया जाता हैं. साध्वी का कहना है कि भारत की गुरुकुल पद्धति पर आधारित सरकारी स्कूल यूरोप में फॉरेस्ट स्कूल के नाम से चल रहे हैं. बच्चों का कहना है कि स्कूल में स्ट्रेस फ़्री वातावरण तैयार किया गया है ताकि भय, दहशत से परे बच्चे ख़ुशनुमा माहोल में पढ़ाई से भागे नहीं. इसलिए यहाँ सात साल तक के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है.

100% सस्टेनेबल है 

यह स्कूल 100% सस्टेनेबल है जो सोलर एनर्जी से चलता है. स्कूल के पास अपना बर्ड फॉरेस्ट है जिसमें वनों की व पहाड़ी दुर्लभ चिड़ियों का संरक्षण के लिए अलग से व्यवस्था है. स्कूल की जल व्यवस्था जल संरक्षण यानी वॉटर कंजर्वेशन से जुड़ी हुईं है.बच्चे छोटी-छोटी क्यारियों में प्रयोग कर सब्जियां उगाते हैं. स्कूल में फ्रूट गार्डन भी हैं. खास बातें ये हैं कि पढ़ाई में लेखन कौशल का बहुत महत्व होता है इसको ध्यान में रखते हुए यहां के बच्चे दोनों हाथों से लिखना सिखाया जाता हैं और अधिक अभ्यासी बच्चे तो दोनों हाथों से एक समान लिखने का हुनर रखते है. यहां के बच्चे अपने क्लास की किताबों के अतिरिक्त साल भर में 50 से 60 अंग्रेजी व हिंदी दोनों की नई-नई पुस्तकों का स्वत अध्ययन करते हैं.

बच्चे करते है डिजिटल पढ़ाई

यहां बच्चे किताबों के अलावा टैबलेट, कंप्यूटर से भी पढाई करते है. बच्चों को एआई की टेक्नोलोजी के अतिरिक्त नई नई टेक्नोलोजी का ज्ञान भी करवाया जाता है. बच्चों को एक बार में सभी देशों के नाम, हिंदी अंग्रजी महीनों के नाम और संस्कृत में कई मंत्र कंठस्थ है. खास बात ये है कि स्कूल में विज्ञान और आधुनिकता के साथ अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए नए नए टास्क दिए जाते है जिसमें खेती करना, स्कूल की सरंचना करना और सब्जियां उठाना मुख्य है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *