रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
जब देशभर में 29 जनवरी को नागरिकता अधिनियम को लेकर के भारत बंद का आह्वाहन किया गया था तब तमिलनाडु में हिन्दू मुन्नी ने इसके समर्थन में चेन्नई के एग्मोर में रैली की।
गौरतलब है की हिन्दू मुन्नी एक धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन है जो तमिलनाडु में हिन्दू धर्म और संस्कृति के सुरक्षा के लिए काम कर रहा है।
विपक्षी पार्टियों के जोर के बावजूद बंद का तमिलनाडु में आंशिक असर रहा। यहाँ कुछ दुकाने ही बंद रही, अधिकांश दुकाने चल रही थी। बाजार आम दिनों की भांति चल रहे थे।
डीएमके ने नागरिकता अधिनियम के राज्य में मोर्चा खोल रखा है। आगामी 2 फ़रवरी से राज्य में डीएमके और उसके सहयोगी दल हस्ताक्षर अभियान शुरू करने जा रहे है।
जहा एक तरफ तमिलनाडु में विपक्षी पार्टियां नागरिकता अधिनियम के विरोध में रैली और विरोध प्रदर्शन कर रहीं है वही कुछ लोग और संगठन ऐसे भी है जो इसके समर्थन में रैली कर रहे है।
हिन्दू मुन्नी द्वारा आयोजित इस रैली में हज़ारों की संख्या में लोग एकत्र हुए। हमने जब इन लोगो से बात की तो यहाँ मौजूद लोगों का यही कहना था की सरकार किसी भी हिसाब से गलत नहीं कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला उन अल्पसंख्यक विषेशकर के हिन्दुओं को भारत में शरण देना है जिन्हे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशो में सताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने उन पीड़ित लोगों के लिए इस कानून को लागु किया है। आये दिन हमे यह खबर देखने और सुनने को मिलती है की पाकिस्तान में हिन्दू बहन बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है।
ऐसे लोगो की पीड़ा दूर करने के लिए ही इस कानून को लागु किया गया है। विपक्ष लोगो को यह कह बरगला रही है की इससे मुस्लिम लोगो की नागरिकता चली जाएगी, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।
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