हाईकोर्ट ने मेडिकल फी 13 लाख रुपए प्रति वर्ष रखने का दिया निर्देश
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial;
मद्रास हाईकोर्ट की प्रथम खंडपीठ ने तमिलनाडु व पुदुचेरी स्थित डीम्ड टु बी युनिवर्सिटि द्वारा संचालित कॉलेजों के प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह मैनेजमेंट कोटा में विद्यार्थियों से 13 लाख रुपए लेकर उन्हें दाखिला दें।
मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बेनर्जी और न्यायाधीश पीटी आशा की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा कि हमे जानकारी है कि पहले मैनेजमेंट कोटा की फी 11.50 लाख रुपए हुआ करती थी। फी समिति ने फी का निर्धारण कर किया और वह 13 लाख रुपए से अधिक हुआ तो संबंधित विद्यार्थियों को बकाया राशी जमा करानी होगी। अगर फी 13 लाख रुपए से कम हुई तो बचे पैसे विद्यार्थियों को वापस करने होंगे।
त्रिवणमयूर के जवाहरलाल शन्मुघम द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने यह फैसला सुनाया। याचि ने मांग की है कि राज्य के स्वास्थय सचिव और फी निर्धारण समिति मेडिकल कोर्स में यूजी, पीजी और सूपर स्पेशियालिटि कोर्स में दाखिले के लिए फी का निर्धारण करें।
सुनवाई के दौरान याचि के अधिवक्ता एम. वेलमुर्गन ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की फी जो कि 25-35 लाख रुपए प्रति वर्ष है वह काफी ज्यादा है। मेडिकल कॉलेजों के फी निर्धारण के लिए यूजीसी ने एक समिति का गठन किया जिसे अपनी रिपोर्ट छह सप्ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करेगी।