आईएनएन/चेन्नई @Infodeaofficial कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन को लेकर पूरे तमिलनाडु में विरोध व प्रदर्शन चल रहा है। इस मामले में केंद्र सरकार के लचर रवैय्ये और बोर्ड के गठन के लिए तीन माह की मोहलत मांगने के बाद लोगों में केंद्र सरकार के प्रति गुस्सा और भड़क गया है। सरकार के इस प्रस्ताव को वापस लेने और तत्काल रूप से बोर्ड के गठन को लेकर सोमवार को आवेदन लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के समक्ष किसान संगठन व फिल्म जगत के लोगों ने गुहार लगाई।
यह याचिका कावेरी उरीमै मीडपु पोराट्टा ओरिंगीनैपु कुझु द्वारा दायर की गई। इस याचिका को लेकर राज्यपाल के पास किसान नेमा पीआर पांडियन, किसान विंग के सचिव अशोक लोढ़ा, चेन्नई जोन के अध्यक्ष वेलचेरी कुमार, चेन्नई सिटि के अध्यक्ष गोपीनाथ, फिल्म निर्देशक भारती राजा, अमीर, गौतमन, वेट्री मारन, समाजसेवी शिवै इलंगो समेत कई अन्य लोग गए थे।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए किसान संघ के सचिव अशोक लोढ़ा ने बताया कि तमिलनाडु पिछले काफी सालों से पानी की किल्लत से जूझ रहा है। यहां के किसानों की हालत किसी से छिपी नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद जब केंद्र सरकार ने इस मसले पर अपना रवैय्या लचर रखा तो मजबूरन हमें तमिलनाडु के किसानों के हक के लिए आना पड़ा हैं।
यह मसला काफी पूराना है जिसका अंत सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद तय था लेकिन बोर्ड के गठन में केंद्र सरकार की तरफ से हो रही देरी ने तमिल लोगों के भावना के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि वह 22 अप्रैल को पीएमके द्वारा बुलाए गए बंद का सर्मथन करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह अन्ना विवि के कुलपति की नियुक्ति को किसी भी तौर पर गलत नहीं मानते पर राज्यपाल को इस नियुक्ति के लिए थोड़ा समय इंतजार कर लेना चाहिए था। अभी तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच जो माहौल है उसे देखकर इस नियुक्ति में थोड़ी देरी की जा सकती थी जिससे तमिल लोगों की भावना आहत न हो।