सर्वसम्मती से कन्नैहया फिर बने एसआरएमयु के महासचिव

निजीकरण के खिलाफ बेमियादी हड़ताल पर जाएगी युनियन

आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial;

चेन्नई में गुरुवार को हुए द्वीवार्षिक बैठक में एन. कनैहय्या को सर्वसम्मती से फिर से दक्षिण रेलवे मजदूर युनियन का महासचिव चुन लिया गया। इस चुनाव में सेंट्रल ऑफिस पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, मंडल सचिव और सेंट्रल वर्कींग कमिटि के सदस्यों का चुनाव भी किया गया। चुनाव के बाद यूनियन की द्र्वीवार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए संघ के महासचिव एन. कनहैय्या ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार एक सुनियोजित योजना के तहत रेलवे के नीजिकरण के प्रयास में लग गई है।

हालांकी रेलवे जैसी बड़ी संस्था को खरीदने की किसी एक हस्ती, औद्योगिक घराने व किसी अन्य के बस की बात नहीं। इसलिए सरकार इसे टुकड़ों में विभाजित कर इसके निजीकरण के प्रयास में लग गई है। लेकिन हम सरकार को उनकी इस कर्मचारी विरोधी योजना में कभी कामयाब नहीं होने देंगे।

उन्होंने बताया कि रेलवे व उससे संबंधित किसी भी विभाग का यदि निजीकरण किया गया तो दक्षिण रेलवे मजदूर यूनियन के पास बेमियादी हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।

हड़ताल कब होगी इसके बारे में अभी कोई राय नहीं बनी है। इसके बारे में ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन से विचार कर ही सम्भावित तारीख तय की जाएगी। केंद्र सरकार केवल कहने भर के लिए सबका साथ और सबका विकास के सिद्धांत पर काम कर रही है। गरीब मजदूरों के पेट पर लात मारकर उनके रोजगार पर कैंची चलाकर उद्योगपतियों को और मालामाल करने को ही वह सबका विकास मानते हैं।

बैठक को संबोधित करते हुए महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के बोल और वादे मुंह में कथनी कुछ और करनी कुछ कहावत को चरीतार्थ करता है। प्रधानमंत्री मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी कार्यो का ढ़ोल पीटते रहते हैं पर वास्तविकता इससे काफी अलग है। तमिलनाडु में किसान और मछुआरों की समस्या आज भी वहीं है जब भाजपा और एनडीए सत्ता पर काबिज हुई थी। आज भी इनकी स्थिती में कोई सुधार नहीं आया है और प्रधानमंत्री मोदी हैं कि डींगे हाकने से बाज नहीं आती।

इस मौके पर युनियन के अध्यक्ष सीए राजा श्रीधर ने कहा कि आज केंद्र सरकार रेलवे के विभिन्न विभागों को निगम में बदल कर उसके निजीकरण के प्रयास में लगी हुई है। इसी प्रयास के तहत आईसीएफ को भी निगम में बदला जा रहा है।

दक्षिण रेलवे मजदूर युनियन इसका विरोध करता है और करती रहेगी। हमारा मजदूर संघ हमेशा से मजदूरों के हित के लिए काम करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा। सरकार हमपर कितना भी दवाब क्यों न बनाए पर हम अपने सिद्धांतों पर अडिग रहेंगे।

बैठक में युनियन ने कई प्रस्ताव पारीत किए है जिनमें केंद्र सरकार को नई पेंशन योजना मेें सुधार कर परिवार पेंशन योजना के साथ गारेंटेड पेंशन योजना की शुरूआत करने, कांट्रेक्ट और निजीकरण पर तुरंत रोक लगाई जाय है।

रेलवे स्कूलों को बंद करने के फैसले पर तुरंत लगाई जाय रोक, रेलवे अस्पताल के कारपोराइजेशन पर लगे रोक, मल्टिनेशनल और कारपोरेशन को फायदा पहुंचाने के लिए श्रम कानून में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। इस मौके पर ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

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