संसद के किसी भी द्वार पर धरना, प्रदर्शन करना उचित नहीं है: ओम बिरला

अठारहवीं लोक सभा का तीसरा सत्र सम्पन्न हुआ
संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का अधिकार है: लोक सभा अध्यक्ष

आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial

अठारहवीं लोक सभा के तीसरे सत्र के अंतिम दिन अपने समापन भाषण में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संसद के किसी भी द्वार पर धरना, प्रदर्शन करना उचित नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि इसका उल्लंघन होता है तो संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का अधिकार है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि उन्हें किसी भी दशा में नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

इस सत्र के दौरान लोक सभा की 20 बैठकें हुईं जो लगभग 62 घंटे तक चलीं। अठारहवीं लोक सभा के तीसरे सत्र के दौरान उत्पादकता 57.87% रही। भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर, 2024 को शुरू हुई और 14 दिसंबर, 2024 को समाप्त हुई।

सत्र के दौरान पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए। शून्य काल के दौरान 61 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए। नियम 377 के अधीन कुल 397 मामले उठाए गए। 28 नवंबर, 2024 को दो नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली।

सत्र के दौरान, लोक सभा ने 17 दिसंबर, 2024 को आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के प्रेसिडेंट, महामहिम एलेन सिमोनियन के नेतृत्व में आर्मेनिया से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।

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