संयोजक समिति के भरोसे भारतीयार विश्वविद्यालय का कामकाज

आईएनएन, लखनऊ, @infodeaofficial;

– भ्रष्टाचार के आरोप के बाद उपकुलपति बर्खास्त

चेन्नई. राज्य के उच्च शिक्षा सचिव विभाग के सचिव सुनिल पालिवाल के नेतृत्व वाली एक संयोजक समिति भारतीयार विश्वविद्यालय का कामकाज देखेगी। यह फैसला विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. ए. गणपति की बर्खास्तगी के एक दिन बाद लिया गया है।

गौरतलब है कि डा. गणपति पर आरोप है कि वह नौकरी के लिए इच्छुक लोगों से पैसे लेकर उन्हें विवि में रोजगार दिलाने का वादा करते थे। सुनील पालिवाल के साथ इस संयोजक समिति में भारतीयार विवि के बॉयोइंफारमेटिक्स विभाग के एन. जयकुमार, कोयम्बत्तूर के श्री रामकृष्ण मिशन विद्यालय कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस के इलेक्ट्रोनिक्स विभाग के सहायक प्रोफेसर पी. तिरुनावकरसु होंगे जो विवि का कामकाज उपकुलपति की अनुपस्थिति में देखेंगे। गुरुवार को विवि में आयोजित बैठक के बाद गठित समिति अगले वीसी के पदभार सम्भालने तक काम करेंगी। पालिवाल ने कहा कि सिंडीकेट ने भारतीयार विवि के रसायण विभाग के एन. धर्मराज को भी निलम्बित कर दिया है, जिन पर भ्रष्टाचार के काफी गम्भीर आरोप लगे हैं। वहीं विवि के दूरस्थ शिक्षा केंद्र के निदेशक मदिवानन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उपकुलपति डा. गणपती को हटाने के सवाल पर पालीवाल ने कहा कि डीवीएसी की रिपोर्ट के बाद ही इस संबंध में कोई फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नवम्बर २०१६ में विवि में हुए नियुक्तियों पर डीवीएसी विस्तार से जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उपकुलपति को नवम्बर २०१६ में सींडीकेट की बैठक टालने को कहा था पर उन्होंने बैठक की और कुछ संकाय सदस्यों की नियुक्ति भी की। कब और कैसे नए उपकुलपति की नियुक्ति की जाय हम इसके लिए कानूनी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। इस संबंध में विधि सचिव से भी सूझाव मांगा है। पालिवाल ने कहा कि यह पहली ऐसी घटना है जब किसी मौजूदा उपकुलपति को भ्रष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

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