महाराष्ट्र चुनाव में महा विकास आघाड़ी और महायुति गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर
INN/Mumbai, @Infodeaofficial
इस बार महाराष्ट्र चुनाव में चाहे महा विकास आघाड़ी और महायुति गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है लेकिन महाराष्ट्र के चार क्षेत्रों-मराठवाड़ा, पश्चिमी और उत्तरी महाराष्ट्र, कोंकण से हटकर विदर्भ में गठबंधन सहयोगियों और छोटी पार्टियों की भूमिका बहुत ज़्यादा नहीं है। यहां की लड़ाई सीधे तौर पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहने वाली है। जिसके लिए दोनों के बीच कशमकश शुरू हो चुकी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों की नज़र विदर्भ क्षेत्र पर है। इस इलाके में प्रदेश की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 62 सीटें आती हैं। महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में कहा जाता है कि जो विदर्भ जीतता है, वही राज्य पर राज करता है. इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों की नज़र इस इलाके पर है। बीजेपी की बात की जाए तो विदर्भ के अहम शहर नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है।
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से 3 बार जीत चुके है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर ग्रामीणों की कामठी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है। भाजपा को उम्मीद है कि 2 मेट्रो लाइन, फ्लाइओवर, चार चरणीय यातायात व्यवस्था, समृद्धि मार्ग, इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अमृत मिशन, लाड़ली बहिनी योजना,जैसे कार्यों की बदोलत सभी सीटें जितने में कामयाब रहेगी।
विदर्भ कांग्रेस का गढ माना जाता है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले विदर्भ की साकोली सीट और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ब्रह्मपुरी से चुनाव लड रहे हैं। तो वहीं देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कांग्रेस ने प्रफुल्ल गुडधे पाटिल को मैदान में उतारा है।अमरावती से सुनील देशमुख को उतारा गया है। काँग्रेस, भाजपा पर प्रदेश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और पलायन बढ़ाने जैसे गंभीर आरोप लगा रहीं है। कॉंग्रेस को भरोसा है कि महाविकास आघाड़ी गठबंधन का लाभ उसे होगा और परिणाम उनके पक्ष में होंगे।
विदर्भ में दो प्रमुख समुदाय कुनबी और तेली दोनों ही ओबीसी के अंतर्गत आते हैं, जो चुनाव परिणाम निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली एमवीए कुनबी,दलित,मुस्लिमों पर बढ़त हासिल करने के लिए आगे बढ़ रही है वहीं भाजपा तेली,बंजारों के साथ-साथ अन्य छोटे समूहों के बीच अपना आधार मजबूत कर रही है, जिससे क्षेत्र में ओबीसी बनाम ओबीसी की स्थिति बन गई है। गौरतलब है कि विदर्भ क्षेत्र की 62 विधानसभा सेटों में बीजेपी को 15, शिवसेना को 4, कांग्रेस को 29, एनसीपी (शरद पवार) को 5, शिवसेना (यूबीटी) को 8 और एक सीट पर अन्य को बढ़त हासिल है।