मध्यप्रदेश- रजिस्ट्री प्रक्रिया होगी आसान
INN/Bhopal, @Infodeaofficial
मध्यप्रदेश में संपत्ति पंजीकरण यानि रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में कदम बढाए जा रहे हैं। गुरुवार से मध्यप्रदेश में रजिस्ट्री के नये नियम लागू हो जाएंगे। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन पहले राज्य के 4 जिलों में सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। अब गुरुवार से प्रदेश के सभी 55 जिलों में इसे लागू किया जायेगा।
मध्यप्रदेश में अब संपत्ति का पंजीकरण करवाना सरल हो जाएगा। गुरुवार से मध्यप्रदेश के सभी जिलों में संपत्ति पंजीकरण यानि रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी। संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण किया जाएगा। इस प्रक्रया में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी।
पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है। इतना ही नहीं पंजीयन के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन होगा। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है।
1. सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी
2. जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण
3. दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से होगा
4. गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त
5. उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी नहीं
6. पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगा
7. वीडियो केवाईसी का भी प्रावधान
8. ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध
9. ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा
गौरतलब है कि सम्पदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है। यह नवाचार न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी।