मंदिर में मोबाइल ले जाने पर लगे प्रतिबंध: मद्रास हाईकोर्ट

आईएनएन, लखनऊ; @infodeaofficial;  

– मीनाक्षी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

मदुरै. मंदिरों को अगर सभी बाहरी प्रभावों से दूर रखना है तो यह जरूरी है कि मंदिरों में मोबाइल के प्रवेश पर प्रतिबंध हो। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश जारी कर कहा है कि मदुरै स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाय। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही मीनाक्षी मंदिर में आग लगने की घटना में मंदिर परिसर के कई दुकान आग्रीदेव की कोप के भेट चढ़ गए।
मामले पर सुनवाई कर रहे न्यायाधीश एन. कृपाकरण और आर. धरनी की खंडपीठ ने यह सूझाव दिया है कि क्यों न मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के सुपूर्द कर दी जाय ताकी नियमों की ताकीत से पालन करने में मदद मिले। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूझाव दिया कि वह मंदिर के रख-रखाव प्रबंधन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करे, जिसमें पूरातत्व विशेषज्ञ भी शामिल हो। अधिवक्ता मुत्तुकुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि राज्य सरकार को मंदिर की सूरक्षा के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी करने चाहिए। अपनी याचिका में अधिवक्ता ने बताया कि मंदिर परिसर के अंदर 150 दुकानों को चलाने की ईजाजत है जबकि वास्तव में 300 से ज्यादा दुकानें चलती हैं। जज ने मंदिर प्रबंधन को मंदिर की जांच कर उसके ढ़ाचे की मजबूती और आग लगने पर उसे रोकने के उपायों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। जज ने कहा कि मंदिर के कर्मचारियों को भी एसी परिस्थिति व मौकों पर कैसे निबटा जाय आपात प्रबंधन का प्रशिक्षण लेने का सूझाव दिया। खंडपीठ ने कहा मंदिर में वायर सीस्टम को नए वायर लगाए जाय ताकि शार्ट सर्किट की समस्या आगे भविष्य में न उत्पन्न हों। इन तमाम सुरक्षा इंतजामों के बारे में कोर्ट ने राज्य सरकार को 13 मार्च तक रिपोर्ट दायर करने को कहा है। याचि ने कहा कि नेशनल इंवेस्टिंग एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2001 में मंदिर का मुआयना किया था और मंदिर को उच्च स्तर की सुरक्षा देने की अनुशंसा की लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं मीनाक्षी मंदिर को वर्ष 1997 में एतिहासिक धरोहर घोषित किया गया पर इस संबंध में कोई विशेष प्रयास अबतक नहीं किए गए हैं।

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