भारतीय रेल ने लोगों के लिए उपभोक्‍ता अनुकूल पहल की

रेल टिकट बुकिंग के लिए यात्रियों से मर्चेंट डिस्‍काउंट रेट (एमडीआर) नहीं वसूला जाएगा

अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) के जरिए जारी अनारक्षित टिकटों पर स्‍थानीय भाषा में टिकट विवरण छापने की सुविधा

आईएनएन/पीआईबी, नई दिल्ली; @infodeaofficial;  

  डेबिट कार्ड के जरिए एक लाख रुपये तक के रेल टिकट बुक करने में (रेल टिकट काउंटरों पर और आईआरसीटीसी टिकट वेबसाइट के माध्‍यम से) यात्रियों पर मर्चेंट डिस्‍काउंट रेल (एमडीआर) प्रभार नहीं लगाया जाएगा। इस संबंध में वित्‍त मंत्रालय के वित्‍तीय सेवा विभाग ने 26 फरवरी, 2018 को बैंकों को निर्देश जारी किया है। इससे डिजिटल और नकद रहित लेन-देन में मदद मिलेगी।

रेल मंत्रालय ने व्‍यय विभाग को बताया था कि आईआरसीटीसी वेबसाइट/टिकट काउंटरों पर हुई टिकटों की बिक्री से प्राप्‍त राशि रेल मंत्रालय के माध्‍यम से भारत की संचित निधि में जाएगी और ऐसे लेन-देन को सरकारी प्राप्तियां समझा जाना चाहिए। सरकारी लेन-देन पर हुए लाभ को जनता तक पहुंचना चाहिए और सरकार को भुगतान करते समय जनता पर एमडीआर प्रभार नहीं लगाया जाना चाहिए।

भारतीय रेल ने अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) के माध्‍यम से जारी अनारक्षित टिकटों पर स्‍थानीय भाषा में टिकट के विवरण छापने की सुविधा शुरू की है। पहला विवरण कन्‍नड़ में छपेगा। परीक्षण के तौर पर दक्षिण-पश्चिमी रेलवे के मैसूरू, बंगलुरू तथा हुबली स्‍टेशनों पर 01.03.2018 से एक काउंटर से टिकट जारी किए जा रहे हैं।  02.03.2018 से इस सुविधा का विस्‍तार कर्नाटक के सभी स्‍टेशनों पर कर दिया जाएगा।

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