बारामती विधानसभा सीट पर पवार फैमिली का दबदबा

चाचा भतीजे में में टक्कर

INN/Mumbai, @Infodeaofficial

बारामती विधानसभा सीट पर पिछले 57 वर्षों से पवार फैमिली का कब्जा है। 1967 से शरद पवार और 1991 से उनके भतीजे अजित पवार विधायक रहे। लेकिन इस बार का मुकाबला रोचक है। अजीत पवार चाचा से अलग होकर महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं तो शरद पवार ने अपने पोते और अजीत पवार के भतीजे को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। अब देखना है की चाचा भतीजे की शह मात में कौन बाजी मारता है।

लोकसभा चुनाव के बाद पवार परिवार एक बार आमने सामने 

अपने पोते योगेंद्र पवार के लिए वोट मांगने मराठा क्षत्रप शरद पवार खुद मैदान में डटे हैं और उनका पैर थामे बैठे हैं योगेंद्र पवार, जो बारामती से एनसीपी उम्मीदवार हैं। 32 साल के योगेंद्र पहली बार चुनावी दंगल में अपने चाचा अजीत पवार के खिलाफ उतरे हैं। योगेंद्र को ये तोहफा अपनी ताई सुप्रिया सुले को यहां से जीत दिलाने के लिए मिली है। योगेंद्र बारामती के विकास का पूरा श्रेय शरद पवार को देते हैं।

1991 में शरद पवार के बारामती सीट छोड़ने के बाद अजीत पवार यहां से सात बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। चाचा से अलग होने के बाद राज्य में उपमुख्यमंत्री बने। बारामती जैसे छोटे तहसील में विश्वस्तरीय बस अड्डा, पंचायत समिति, सड़को का जाल और इलाके में पानी जैसी समस्याओं को दूर करने और बारामती विकास मॉडल को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अजीत पवार कहते हैं कि जो भूल लोकसभा चुनाव में मैने की वही भूल इस बार के चुनाव में चाचा शरद पवार करने जा रहे हैं।

स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि शरद पवार का बारामती से 1967 से नाता है जो अभी तक बरकरार है। दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में पत्नी को मिली शिकस्त से अजीत पवार ये सीट छोड़ने को तैयार थे। लेकिन बारामती की जनता की तरफ से आए लाखो खत से अजीत पवार बारामती आए। उसके बाद महायुति की तरफ से लाडली बहन योजना आने से एक बार फिर बारामती में चाचा को पछाड़ने के लिए अखाड़े में अजीत पवार आ चुके हैं, हालांकि दोनों छत्रपो में किसी की राह आसान नहीं दिखती।

महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा और भतीजे धुरंधर माने जाते हैं। दोनो के तरकस में कई तीर हैं। अजीत पवार ने अपने ही चाचा से अलग होकर राजनीतिक मात देने की कोशिश की थी तो अब चाचा ने भी भतीजे के खिलाफ भतीजे को उतारकर नया दाव खेल दिया है, अब देखते हैं चाचा भतीजे की दंगल में कौन किसे पछाड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *