फर्जी स्थानीय निवासी के आधार पर प्राप्त एमबीबीएस सीट वैध नहीं: हाईकोर्ट
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
एमबीबीएस सीट की आवेदक छात्रा अर्पणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिले के लिए राज्य की फर्जी नागरिकता बताता है तो उसके आवेदन और आवंटन दोनों को रद्द कर देना चाहिए।
न्यायाधीश एस. वैद्यनाथन ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर किसी कारण से प्रत्याशी को जारी रखने का आवेदन दिया जाता है तो उस डीग्री को वैध नहीं माना जाएगा।
गुजरात निवासी अर्पणा राजेंद्रन ने अपनी याचिका में मांग की थी कि कोर्ट तमिलनाडु चयन समिति को मौजूदा अकादमिक वर्ष में दाखिले के लिए उसके चेन्नई की स्थाई नागरिकता के आधार पर दाखिले का निर्देश दे।
अर्पणा ने अपने आवेदन में दावा किया था कि उसने एमबीबीएस में दाखिले के लिए आवेदन केवल तमिलनाडु में ही किया है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता सी. मनीशंकर ने जज को बताया कि याचि ने एमबीबीएस के लिए गुजरात में भी आवेदन दिया है।
एमबीबीएस दाखिले वाले प्रोसपेक्टश में एसे आवेदकों को अयोग्य बताया गया है। जज ने कहा कि विद्यार्थी की कम उम्र व भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोर्ट याचि पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।