दिव्यांग को पैरों पर खड़ा करना ही हमारा प्रयास: वेंकैया नायडू

विक्रम जैन, आईएनएन/नेल्लोर, @Jainvikaram18
माज में दिव्यांगों के विकास के साथ सहानुभूति एवं सहयोग बरतने का उत्तरदायित्व सभी पर है। उनके विकास में भागीदार बनने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह कहना था उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का।
वे यहां वेकटाचलम के पास केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निर्देशन में दिव्यांगों के लिए  20 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मिश्रम प्रांतीय पुनर्वास केन्द्र का केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में उद्घाटन करने के बाद उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा समाज में दिव्यांगों को भी आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने के लायक बनाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने देशभर में 18 मिश्रम प्रांतीय पुनर्वास केन्द्र स्थापित किए हैं।
इस केन्द्र का शिलान्यास 2016 में किया गया था। केवल दो साल में इस केन्द्र का निर्माण होना बड़े गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि अभी इस केन्द्र द्वारा शहर के जुबली हास्पिटल के सहकर से 20 हजार दिव्यांगों को विविध सेवाएं मुहैया करवाई जा चुकी हैं। अब कार्यक्रम इस नए केन्द्र में आयोजित किए जाएंगे। यहां दिव्यांगों के लिए हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
साथ ही उन्होंने कहा केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक दिव्यांगों के तीन प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया गया है। बैंकों को भी दिव्यांगों के विकास को ध्यान रखते हुए उनको ऋण की मंजूरी देनी चाहिए।   
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा 2016 में वेंकैया नायडू की इच्छा के मद्देनजर यहां इस  मिश्रम प्रांतीय पुनर्वास केंद्र की मंजूरी दी गई थी और इसके लिए 10 एकड़ में निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी।
इन दो साल के  दौरान करीब 50 लाख रुपए के विविध उपकरण 1266 दिव्यांगों में वितरित किए गए। 
उन्होंने कहा कोई भी दिव्यांग अपने माता-पिता पर बोझ न बने और अपने पैरों पर खड़ा होकर कुछ बन जाए यही हमारा प्रयास है। इस दौरान राज्य के कृषि विकास मंत्री एस. चंद्रमोहन रेड्डी, शहरी विकास मंत्री पी. नारायणा और महापौर अब्दुल अजीज समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

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