झारखंड की हॉट सीट बनी धनवार विधानसभा
चुनावी मैदान में बाबूलाल मरांडी समेत कुल 24 प्रत्याशी
इंडी गठबंधन में यहां है दोस्ताना मुकाबला
INN/Ranchi, @Infodeaofficial
गिरिडीह जिले के 6 विधानसभा सीटों में से एक धनवार सीट पर पूरे राज्य और देश की निगाह है। झारखंड के चुनावी समर में यह सीट दो वजहों से सबसे हॉट सीट बनती दिख रही है क्योंकि झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही यहां इंडी गठबंधन के दो घटक दलों झामुमो और भाकपा माले के बीच दोस्ताना मुकाबला भी हो रहा है। इतना ही नहीं यहां निर्दलीय निरंजन राय के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है।
झारखंड में चुनावी महासंग्राम में दिग्गजों के बीच घमासान मचा है। राज्य में वैसे तो कई हॉट सीटें हैं लेकिन धनवार का दंगल इसमें खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि जो तीन प्रमुख प्रत्याशी यहां चुनावी समर में हैं वो पूर्व में एक दूसरे को पटखनी दे चुके हैं। 24 की चुनौती में भी वो आमने सामने हैं।
छठ घाटों के लिए मशहूर धनवार में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत 24 प्रत्याशी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। 2019 में यहां से विधायक बने बाबूलाल मरांडी इस बार दोबारा भाग्य आजमा रहे हैं। अपनी जीत के प्रति आश्वस्त बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की जनता मौजूदा गठबंधन सरकार से त्रस्त है और फिर से भाजपा की सरकार चाहती है।
धनवार में इंडी गठबंधन तार तार है और दोस्ताना संघर्ष के नाम एक दो घटक दल एक दूसरे के आमने सामने है। झामुमो की ओर से निजामुद्दीन अंसारी और भाकपा माले की ओर से राजकुमार यादव अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
इन सब के बीच यहां जातिगत समीकरण भी मायने रखता है। भूमिहार समाज के यहां से कई विधायक रहे है, जिसमें भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय भी शामिल हैं। समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले निरंजन राय यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं जिससे मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है। यहां के चुनावी मुद्दों की बात की जाए तो स्थानीय लोगों को क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं के विस्तार का इंतजार है।
बहरहाल इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 370672 मतदाताओं में पुरुष वोटरों की संख्या 190702 है जबकि महिला 179711 मतदाता हैं। ये सभी 424 बूथों पर 20 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग कर 24 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
दिलचस्प बात यह है कि धनवार में मौजूद तीन प्रमुख चुनावी महारथी बाबूलाल मरांडी, निजामुद्दीन अंसारी और राजकुमार यादव पहले के चुनावों में भी आमने सामने रहे हैं और सबने एक दूसरे के हाथों जीत और हार का स्वाद चखा है।
दोस्ताना मुकाबला होने से जहां झामुमो और भाकपा माले का वोट बैंक बिखर सकता है वहीं निर्दलीय निरंजन राय की मौजूदगी बाबूलाल मरांडी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है। ऐसे में सभी दल अपने अपने चुनावी वायदों और संकल्पों के साथ स्थानीय समीकरण को साधने में लगे हैं।