छात्रा को मिलेगा बिना नीट प्रवेश

दिव्यांग छात्रा की अपील पर मद्रास उच्च न्यायालय का आदेश

आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 

द्रास उच्च न्यायालय ने दिव्यांग छात्रा को मेडिकल में प्रवेश न दिये जाने के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के निर्णय को दरकिनार करते हुए उसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिये जाने का आदेश दिया। न्यायालय ने पीड़ित छात्रा को नीट परीक्षा पास किए बिना दाखिला दिये जाने का निर्देश दिया। 

मद्रास उच्च न्यायालय केे न्यायाधीश हुलुवादी जी रमेश व के. कल्याणसुंदरम की खंडपीठ ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय का याची को प्रवेश न देने का निर्णय गलत है। चूंकि आवेदन के समय राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) नहीं होती थी, इसलिए छात्रा को बिना नीट की परीक्षा के मेडिकल सीट मुहैया कराई जानी चाहिए। दिव्यांग छात्रा के. नंदिनी ने अकादमिक सत्र 2016—17 में दिव्यांग कोटे के अंतर्गत एमबीबीएस में दाखिले के लिए आवेदन किया था। उस समय मेडिकल प्रवेश परीक्षा राज्य सरकार संचालित करती थी।

 

राज्य के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने उसका आवेदन यह कहकर अस्वीकार कर दिया था कि वह 80 प्रतिशत विकलांग है। प्रवेश के लिए शारीरिक विकलांगता की अधिकतम सीमा 70 प्रतिशत है। महानिदेशालय के इस निर्णय के विरुद्ध नंदिनी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जहां एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी थी।

इसके बाद नंदिनी यह मामला लेकर उच्च पीठ में गयी। याचिकाकर्ता का कहना था कि विल्लुपुरम जिला मेडिकल बोर्ड ने उसे 70 विकलांगता का सर्टिफिकेट जारी किया था। जबकि काउंसलिंग के समय डाक्टरों की विशेषज्ञ कमिटी ने उसकी विकलांगता को 80 प्रतिशत बता दिया। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की दलील को स्वीकार करते हुए यह माना कि जिला मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने जिला बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर उसे प्रवेश के लिए अर्ह माना।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *