उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले, नई खोज लोगों का जीवन बेहतर बनाने में मददगार हो
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि कौशल विकास एक निंरतर प्रक्रिया होनी चाहिए और नई-नई खोजें लोगों का जीवन बेहतर बनाने में मददगार होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति आज तमिलनाडु के पोलाची में नचीमुत्थू इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन (एनआईए) द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों के हीरक जयंती समारोहों में समापन भाषण दे रहे थे।
तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए अत्यधिक योगदान देने वाले संस्थान के संस्थापक अरुतचेलवर डॉ. एन. महालिंगम को एक आदर्श व्यक्ति बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के गुणों का वर्तमान पीढ़ी के युवाओं और राजनीतिज्ञों को अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चरित्र, क्षमता, सामर्थ्य और आचरण सार्वजनिक जीवन में लोगों के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने शहरों और गांवों के बीच बढ़ती खाई पर चिंता व्यक्त की और जोर देकर कहा कि लोगों के फायदे के लिए शैक्षणिक संस्थान, लगातार बिजली, पीने के पानी तक पहुंच और सस्ती दरों पर चिकित्सा जैसी शहरी सुविधाएं देने की आवश्यकता है।
युवा स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए उप-राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि टेक्नोलॉजी वाले नौकरियों के बाजार में अवसरों को प्राप्त करने के लिए कौशल हासिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बदलती प्रौद्योगिकी के साथ आपको अपने कौशल में लगातार सुधार करने की आदत डालनी चाहिए। कौशल विकास व्यवसाय के वैश्विक माहौल की बढ़ती अनिश्चितताओं से निपटने, उसे प्रखर बनाने और चमकाने के लिए चारदीवारी का काम करता है।
एक प्रमुख रोजगार समाधान कंपनी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, उप-राष्ट्रपति ने युवा छात्रों को आगाह किया कि वे स्थिति की गंभीरता को समझें। इस कंपनी ने दावा किया था कि भारत के 90 प्रतिशत से अधिक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट रोजगार के अयोग्य हैं। उन्होंने अध्यापकों और शैक्षणिक संस्थानों से कहा कि वे पाठ्यक्रम और पढ़ाने के तरीकों पर सावधानीपूर्वक विचार करें ताकि कक्षाओं और कार्य स्थलों के बीच की खाई को पाटा जा सके।
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार युवा भारत के सपनों और आकांक्षाओं के प्रति बेहद संवेदनशील है और देश के युवाओं की सहायता, उन्हें शिक्षित करने तथा अधिकार संपन्न बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस अवसर का इस्तेमाल युवाओं पर निर्भर करता है।
विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और प्रमुख संस्थानों को नई खोजों पर ध्यान देने का कार्य सौंपते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि नई खोजें लोगों का जीवन बेहतर बनाने में मददगार होनी चाहिए। नए अविष्कार करते समय हमें अपने माहौल को भी ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने प्रकृति की रक्षा के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और प्रकृति के खोये हुए संतुलन को बहाल करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
इससे पहले उप-राष्ट्रपति ने परिसर में डायमंड जुबली ब्लॉक और मिराकल वेलनैस क्लिनिक का उद्घाटन किया और डॉक्टरों से क्लिनिक में मौजूद सुविधाओं और मरीजों को दिए जा रहे इलाज के बारे में बातचीत की।
इस अवसर पर तमिलनाडु के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री श्री एस. पी. वेलूमणि, एनआईए के अध्यक्ष डॉ. एम. मणिकम, एनआईए सचिव डॉ. सी. रामास्वामी, छात्र संकाय के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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