कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड को लेकर किसानों की बाइक रैली
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial;
केंद्र की भाजपा सरकार जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रही है वह हर जटिल काम को पलभर में करने की क्षमता रखती है। वह सरकार कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन में देरी करे इसके पीछे कोई न कोई ठोस वजह तो होगी ही। बोर्ड के गठन में देरी के लिए भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को दोषी ठहराते हुए ऑल फार्मस फेडरेशन के नेता पीआर पांडियन ने कहा कि यह देरी कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही है।
किसान नेता ने कहा कि अपने बैठक व रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की समस्या का शिध्र व स्थाई समाधान की बात करते हैं लेकिन जब उसके कार्यानवन का समय आता है तो केंद्र सरकार उसमें पार्टी का निजी फायदा तलाशने लगती है। केंद्र सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए पांडियन ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती तो बोर्ड का गठन काफी पहले हो गया होता लेकिन वह कर्नाटक विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रही है। केंद्र सरकार की कार्यशैली और प्रधानसेवक के जनसेवा भावना को कठघरे में खड़ा करते हुए पांडियन ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए जनसेवा से ज्यादा पार्टी सेवा महत्वपूर्ण है।
कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन में हो रही देरी पर केंद्र सरकार के विरोध में 25 अप्रैल को वेदारन्यम से किसानों की बाइक रैली रवाना हुई जीसमें 100 से ज्यादा बाइक सवारों ने हिस्सा लिया। शनिवार की रैली को चेन्नई पहुंचना था लेकिन इसके रूट में बदलाव किया गया। ऑल फार्मस फेडरेशन के नेता पीआर पांडियन के नेतृत्व में निकली यह बाइक रैली सेलम, धर्मपुरी, कृष्णगिरी, आम्बुर और वेलोर होते हुए चेन्नई पहुंची।
किसान नेता अशोक लोढ़ा ने बताया कि 28 अप्रैल को रैली को चेन्नई पहुंचना था लेकिन महानगर पुलिस से अनुमति नहीं मिलने की वजह से रैली का रास्ता बदल दिया गया। अनुमति नहीं मिलने की वजह से रैली को तिरुपुर, कांचिपुरम होते हुए माराकानम की ओर मोड़ दिया गया। वह भी अपनी टीम के साथ वालजाह रोड से रैली में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि रविवार के दिन रैली को रास्तें में कई जगह रोका गया। कई राजनैतिक पार्टी, किसान नेता इस रैली में शामिल हुए। वल्ड तमिल फेडरेशन के नेता पझा नेडुमारन, एमडीएमके मल्लै सत्या, वेलाचेरी कुमारख् गोपिनाथ, दुरैसामी, सुधा आदि कई लोग इस रैली में शामिल हुए।