ईरान इज़राइल के युद्ध से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बढ़ा टेंशन
INN/Lukhnow, @Infodeaofficial
ईरान और इज़राइल के बीच हो रहे युद्ध से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में टेंशन बढ़ गया है। यह सुनकर आपको थोड़ी हैरानी तो जरूर होगी लेकिन यह हकीकत है। ईरान ने बीते दिनों इज़राइल पर एक के बाद एक कई मिसाइलें दागीं इससे इसराइल के तेल अवीव शहर में लोग दहशत में आ गए लेकिन इसी घटना उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के लोगों को इसलिए परेशां कर रखा है क्योंकि जिले में देवा थाना क्षेत्र अंतर्गत सालेहनगर में नई बस्ती के 35 लोग इजराइल गए हैं।
यहां के जितेंद्र, रंजीत और अखिलेश समेत तमाम लोग इजराइल में रोजी रोटी कमाने गये हैं। गौरतलब है कि पिछले साल भारत सरकार कि पहल पर कई राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए इज़राइल भेजा था लेकिन इनमे से कई लोगों ने वहां जाकर अपने परिवारवालों को बताया कि उन्हें जिस काम के लिए यहाँ लाया गया था उन्हें वो काम देने के बजाय कुछ और काम कराया जा रहा है। इनमे से तो कई ऐसे लोग भी है जिन्हे इज़राइल ने जबरन अपनी सेना के साथ लड़ने के लिए युद्ध मैदान में भेज दिया।
लेकिन इजराइल और ईरान के बीच टकराव अब तेज हो गया है। लगातार हो रहे हवाई हमलों के चलते वहां इन कामगारों के साथ यहां उनके परिजनों को काफी डर लग रहा है। परिजनों का कहना है कि जब उनके घर से लोग इजरायल गये थे, तो शुरुआत में स्थिति ठीक रही लेकिन हालत अब कुछ बदल गए हैं। वहीं इजराइल मे मौजूद अखिलेश, रंजीत और जितेंद्र समेत अन्य लोगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से बताया कि काम करते करते अचानक से सायरन बजने लग जाता है और मोबाइल फोन पर अलर्ट का मैसेज आ जाता है। अलर्ट मिलते ही वह अपने आसपास बने बंकर के अंदर जाकर अपनी जान बजाते हैं। उन लोगों ने बताया कि बम गिरने की आवाज भी आती हैं। जिससे उन्हें डर भी लगता है। वहीं इन लोगों के घर वालों का कहना है उन्हें अपने बच्चों की चिंता लगी रहती है।
यहाँ मौजूद इनलोगों के परिवार वालों ने जिला स्टार पर और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधान मंत्री, विदेश मंत्री और सम्बंधित राज्य कि सरकार और वहां के मुख्यमंत्री से लगातार गुहार लगा रहे है कि उनके परिजनों को जल्द सुरक्षित वतन ले आया जाय। इनके परिवार के लोगों का कहना है कि हमने जिला प्रशाशन से इस बाबत कई बार गुहार लगाई है लेकिन उनका यही कहना है कि उनके आवेदन को बड़े अधिकारीयों को भेज दिया गया लेकिन अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई। वहां फसे लोगों को वापस लेन के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है कबतक वे लोग वतन वापस लौटेंगे इसकी कोई खबर नहीं है।