रेखा की दावत- दाल बाटी चूरमा

रेखा जैन, आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial

न्य कलाओं की भांति भोजन पकाना भी एक कला है जिसे पाक कला कहते हैं। यदि आप में इस कला के प्रति लगाव है, रूची है तो सीखने के लिए कोई उम्र बाधक नहीं होती। नित्य नए स्वादिष्ट भोजन हम अपने रसोई घर में पका सकते हैं और इससे एक नारी की सुदृढ़ता का पता चलता है।  इस रेसेपी से मैं आपको अपनी संस्कृति से जोड़ना चाहती हूं। ये रेसेपी पुराने जमाने से बनाई जा रही है और राजस्थान में ये बहुत लोकप्रिय है। 
दाल बाटी चूरमा / 
बाटी:  5 कप गेंहु का आटा, 1 कप तेल, 1/4 टी स्पून सोडा, 1 टी स्पून नमक, 1 कप मकी का आटा

विधि:- सभी सामग्री को मिला कर थोड़ा कड़ा आटा गूंथ लें। 20 मिनट छोड़ दें, फिर 20 लोई बनाकर तंदूर में सेक लें बीच-बीच में बाटी को घुमाते रहे ताकि अच्छी तरह पक जाए फिर घी डालकर पंचकूटी दाल के साथ सर्व करें।

पंचकूटी दाल:-1/2 कप छीलके वाली मूगं दाल । 2 टेबल स्पून चना दाल। 1 टेबल स्पून मोठ की दाल। 1 टेबल स्पून तूअर दाल। 1 टेबल स्पून मंसूर दाल। 2 हरी मिर्च। 1 टी स्पून कसा अदरक, 1/2 टी स्पून हल्दी 1/4 टी स्पून हींग! 1 टेबल स्पून लाल मिर्च, 1 टी स्पून जीरा पाउडर। 1/4 टी स्पून गरम मसाला, नमक स्वादानुसार तड़के के लिए :- 4 टेबल स्पून घी राई जीरा हींग 2 पीस दाल चीनी नींबू का रस और धनिया करी पत्ता 2 सूखी लाल मिर्च 

विधि :- सारी दाल मिलाकर धोले और 15 मिनट बाद मिर्च अदरक हल्दी हींग २ कप पानी डालकर पकाएं ,फिर उसमें सारे मसाले डालकर घोट लें , अब इस दाल में थोड़ा गर्म पानी डालकर उबाल लें फिर घी गरम करके तड़का तैयार कर ले और दाल में डाले नींबू का रस और धनिया भी डालें 

दोस्तों ये मेरी रेसेपी अगर आपको पसंद आए तो आईये मेरी कुकिंग क्लासेज़ में और कुछ नया सीखें।

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