आईएनएन/ नई दिल्ली, @Infodeaofficial.
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में सचिव डॉ. सुनील कुमार बर्णवाल ने कहा कि झारखंड की फिल्म नीति भारत की सबसे प्रगतिशील नीतियों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार ने 2015 में जब से अपनी नई फिल्म नीति लागू की है तब से फिल्म निर्मातों खासकर क्षेत्रीय भाषी निर्माताओं के लिए सह एक प्रमुख स्थान के रूप में कार्य करने लगा है।
ये बातें डॉ बर्णवाल ने 25 नवम्बर 2018 को गोवा के पणजी में चल रहे 49 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में कही।इस वर्ष झारखंड को आईएफएफआई में मुख्य केन्द्रित राज्य के रूप में चुना गया है। पहली बार आईएफएफआई में राज्य केन्द्रित भाग की शुरूआत की गई है।
कोयले से लेकर सोने तक जैसे खनिज सम्पदा से समृद् इस राज्य को भारत की खनिज संपदा की राजधानी के रूप में जाना जाता है, जहां देश की खनिज संपदा का 40% भाग है। सचिव ने बताया कि झारखंड में पहाड़ियां, झरने, बांध, जंगल, वन्यजीवन और धार्मिक स्थानों जैसे अन्य पहलुओं की समृद्धता को अब अपनी क्षमता के अनुरूप सम्मान नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि “राज्य में 30% भौगोलिक क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस राज्य में 2 मीटर से लेकर कई फीट ऊंचे झरने (वॉटर फॉल) हैं। फिल्म नीति के माध्यम से, फिल्म उद्योग ने इस राज्य की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है और लोग इस राज्य की समृद्धता को फिल्मों के माध्यम से देखना चाहते हैं।
सचिव ने झारखंड की फिल्म नीति, जैसे झारखंड में फिल्मों शूटिंग के लिए प्रोत्साहन और रियायत, फिल्म तकनीशियनों को प्रशिक्षण, कर छूट और फिल्मों की शूटिंग के लिए एक ही जगह पर अनुमति जैसी प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। । इस नीति के अनुसार, झारखंड की स्थानीय भाषाओं में बनाई गई फिल्मों को कुल लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा और हिंदी, बांग्ला, ओडिया एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के लिए कुल लागत का 25 प्रतिशत अनुदान स्वरूप दिया जाएगा ।
पूरी फिल्म के आधे से अधिक भाग की शूटिंग झारखंड में करने पर 1 करोड़ रूपये की राशि एवं दो तिहाई से अधिक भाग की शूटिंग करने पर 2 करोड़ रूपये की राशि अनुदान स्वरूप दी जाएगी। डॉ बर्णवाल ने इसे और विस्तार से बताते हुए कहा कि अगर एक बार राज्य में फिल्म बनाने के लिए अनुदान दे दिया गया है, और फिर इसकी शूटिंग झारखंड में किया जाता है तो उसे और भी प्रोत्साहन मिलेगा।
एक सवाल का जवाब देते हुए, सचिव ने कहा कि झारखंड में भी कई ऐसे कलाकार हैं जिन्हें मौका मिले तो वे भी राष्ट्रीय स्तर पर अपना तथा राज्य का नाम रौशन कर सकते हैं। कई महान फिल्मकारों जिनमें सत्यजीत रे एक हैं, ने झारखंड में अपनी कई फिल्मों की शूटिंग की थी। अन्य कई बंगाली निर्देशकों ने भी राज्य की प्रकृति और सुंदर का अपनी फिल्मों में उपयोग पहले भी किया है और अब भी करते आ रहे हैं। लेकिन उन फिल्मकारों में से ज्यादातर ने सरकारी समर्थन के बिना ही कार्य किया था।
नई फिल्म नीति से ऐसे प्रयासों को सुव्यवस्थित करने और एक जगह पर लाकर फिल्मों की शूटिंग को और अधिक बेहतर बनाने की हम उम्मीद करते हैं और इस मंच के माध्यम से राज्य सरकार की तरफ से पूरी मदद एवं सहयोग का आश्वासन भी देता हूं। आप सबके इसी सहयोग और प्यार से हमारा राज्य झारखंड भी फिल्म शूटिंग गंतव्य के रूप में अपनी पहचान और भी सशक्त ढंग से पाएगा।
Leave a Reply