हीट वेव 2019: तैयारियों पर नागपुर में शुरू हुई कार्यशाला
आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
भीषण गर्मी या गरम हवाओं (हीट वेव) के लिए तैयारियों, न्यूनीकरण और प्रबंधन पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इसकी आज शुरुआत हुई।
इस कार्यशाला का उद्देश्य हीट वेव पर एनडीएमए के दिशानिर्देशों के क्रम में हीट ऐक्शन प्लान की तैयारियों और कार्यान्वयन को लेकर राज्यों को संवेदनशील बनाना है। इसमें इस साल गर्मियों के मौसम में सामने आने वाली समस्याओं और इनसे निबटने पर चर्चा की जाएगी।
इस अवसर पर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल एन. सी. मारवाह (सेवानिवृत्त) भीषण गर्मी से प्रभावित नए द्वीपों की पहचान और स्थानीय समस्याओं के लिए स्थानीय समाधान के लिए मध्य और दीर्घकालिक न्यूनीकरण उपायों की जरूरत पर जोर दिया।
कार्यशाला का एजेंडा तय करते हुए एनडीएमए सचिव डॉ. वी. तिरुप्पुगाझ ने कहा कि हमारा उद्देश्य न सिर्फ गर्मियों से मृत्यु के मामले शून्य पर लाने और गर्मी से संबंधित बीमारियों, बल्कि गर्म हवाओं के जोखिम को भी कम करना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान बढ़ने के साथ ही गर्म हवाओं की आवृत्ति और गंभीरता में भी इजाफा होता है। जलवायु परिवर्तन पर अंतर- सरकार पैनल (आईपीसीसी) ने अपनी हाल की एक रिपोर्ट में प्रदर्शित किया कि भारतीय उपमहाद्वीप में ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव जल्दी होती है और उम्मीद से पहले इसकी मार पड़ती है। पहले तकनीक सत्र में जलवायु परिवर्तन और हीट वेव (गरम हवाओं) के जोखिम में कमी पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें टिकाऊ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) को व्यापक वैश्विक संदर्भ में हासिल करने में भारत के हीट वेव प्रबंधन की योजना के रोडमैप पर चर्चा की गई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस साल सामान्य से ऊपर गर्मी के तापमान की संभावना के संकेत दिए हैं। जैसे कि तापमान बढ़ने के संकेत हैं और मजबूत और लंबी हीट वेव आने की उम्मीद हैं, जिसके लिए पहले से तैयार होना होगा। समय से और सटीक चेतावनी और उनका संबंधित आबादी के बीच प्रसार से भी गर्मियों से संबंधित जोखिमों का प्रभावी न्यूनीकरण सुनिश्चित होगा। प्रारंभिक चेतावनी, पूर्वाअनुमान और तैयारियों पर हुए सत्र के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
तीसरे सत्र के दौरान कुछ संवेदनशील राज्यों ने अपने हीट एक्शन प्लान की तैयारी और लागू करने में अन्य पक्षधारकों को सहायता के अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा किया। इन राज्यों की सफलता की कहानियों में समय पूर्व योजना, बेहतर तैयारियों और समय से प्रयास के महत्व पर जोर दिया गया। इस सत्र की अध्यक्षता एनडीएमए सदस्य डॉ. डी. एन. शर्मा ने की।
इस कार्यशाला में एनडीएमए के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारियों, हीट वेव विशेषज्ञों, पूर्व चेतावनी, पूर्वानुमान एजेंसियों, राज्य सरकारों और शोध संस्थान भाग ले रहे हैं।