सूखें में पानी से तर है विल्लीवाकम झील
विष्णु शर्मा, आईएनएन/चेन्नई, @Svs037
एक तरफ जहां महानगर के अधिकांश जलस्रोत सूख चुके हैं या सूखने के कगार पर हैं वहीं इंट्रीगल कोच फैक्ट्री की प्रशासनिक इमारत के सामने स्थित विल्लीवाकम झील पानी से लबालब है। गौरतलब है कि झील की स्थिति पहले ऐसा नहीं हुआ करती थी। करीब 18 महीने पहले इसपर केंद्रित प्रयास और जीर्णाेद्धार के बाद ऐसा सम्भव हो पाया है।
आईसीएफ के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि झील में करीब चार फीट पानी है और समय-समय पर यहां विदेशी पक्षियों को देखा गया है।
इस झील की लंबाई करीब 1,500 और चौड़ाई 900 फीट है। 25 एकड़ में फैली यह झील 24 फीट गहरी है। इसकी क्षमता 8.5 लाख क्यूबिक मीटर है।
इस झील के पानी को 1950 के दशक में आस-पास के इलाकों में स्पलाई किया जाता था। इसके प्रदूषित होने के बाद जलापूर्ति बंद कर दी गई। हालांकि इस पानी का इस्तेमाल आग बुझाने, बागवानी व अन्य कामों में किया जाता है।
आईसीएफ के पूर्व महाप्रबंधक एस. मणि ने इस झील के पुनर्रुद्धार में काफी रुचि दिखाई थी।
अनाधिकृत नाले के पानी को इसमें गिरने से रोका गया और पास के रिहायसी इलाकों से आने वाले पानी को भी अन्य दिशा में मोड़ दिया गया।
यह प्रयास काफी शोध के बाद किया गया जो एस मणि के कार्यकाल में हुआ। जिन जगहों पर पानी मिलता है वहां फिल्टर व बैरियर लगाए गए हैं।
झील के पानी से गंदगी साफ कर उसके किनारों को भी साफ किया गया। इस परियोजना की लागत 52 लाख रुपए बाई और सितम्बर 2017 में इस काम की शुरुआत हुई।
झील की दक्षिण ओर वाकर्स पार्क बनाया गया। पूर्व में बोट जेट्टी, हर्बल गार्डन आईसीएफ ट्रेनिंग सेंटर के कर्मचारियों द्वारा लगाया गया।