Ritesh Ranjan, INN/Chennai, @royret
विश्व महासागर दिवस के अवसर पर पल्लीकरनी स्थित राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइओटी) में गुरुवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एनआइओटी और एनसीसीआर (राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि काम करने के क्षेत्र में हमारे देश के वैज्ञानिक का कोई सानी नहीं है लेकिन अपने काम का विज्ञापन करने में वे पीछे रह जाते हैं। कार्यों के प्रचारित नहीं होने के कारण इनका शोध आम आदमी की पहुंच से दूर रह जाता है।
हालांकि इस विभाग का प्रभार अब मैंने ले लिया है और प्रयोगशालाओं में होने वाली खोज को जमीन तक पहुंचाने मेरी प्राथमिकता में शामिल है। इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मेरा संदेश समुद्र तटों की सफाई के साथ-साथ समुद्र में रहने वाले जीवों को संरक्षित करना और उसका सही उपयोग करना भी है।
दरअसल एनआइओटी और एनसीसीआर भी इसी उद्देश्य को लेकर काम कर रहे हैं लेकिन इनकी मेहनत की आवाज़ आम आदमी तक नहीं पहुंच पाती। मेरा प्रयास वैज्ञानिकों के कार्यों को आम जनता तक पहुंचाना है। आज का समय अपनी उपलब्धियों को छुपाने की बजाय पदिर्शित करने का है।
सकल घरेलू उत्पाद में समुद्री योगदान को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि केवल सामान्य प्रयास से ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नीली अर्थव्यवस्था का योगदान 10 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में संयुक्त प्रयास करके इसे और अधिक बढ़ाया जा सकता है।
संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि अतीत से होने वाली प्राप्ति और इतिहास से सीख लेने के लिए हमें दोहरा प्रयास करने की जरूरत है। प्रकृति से प्राप्त हर उपहार को ज्ञान के साथ समृद्ध करके संरक्षित किया जाना चाहिए। आज हमें उस तकनीक पर काम करने की आवश्यकता हे जो दुनिया में किसी के पास भी नहीं है या गिने-चुने देशों के पास है।
इससे पहले पहले उन्होंने बेसेंट नगर में आयोजित क्लीन बीच ड्राइव में भाग लेते हुए उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि समुद्र बहुत विशाल है और हमने अभी इसे समझना शुरू किया है। मनुष्य के रूप में हमारा दायित्व अपने ज्ञान को समुद्री प्रजातियों और खनिजों की रक्षा के लिए दूसरों तक हस्तांतरित करना है।
गौरतलब है कि समय के साथ-साथ समुद्र तटों की सफाई का चलन अब जोर पकड़ रहा है। ऐसे में अपने देश के समुद्रतटों की सफाई करना हम सभी का कर्तव्य है। एनआईओटी और एनसीसीआर के विशेषज्ञ स्वच्छ और स्वस्थ महासागर के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चेन्नई बीच अन्य समुद्र तटों की तुलना में साफ है।
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