पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए सकल प्रयास की है जरूरत: भूपेंद्र यादव
Ritesh Ranjan/Chennai, @royret
तमिलनाडु के प्रसिद्ध कवि संत तिरुवल्लुवर ने एक पुस्तक तिरुकुरल में लिखा है कि उपदेश देना काफी आसान होता है लेकिन स्वयं उस पर कार्यान्वित करना बहुत ही कठिन। तिरुकुरल पुस्तक जीवन जीने की कला के बारे में बताया गया है। उन्होंने पुस्तक में यह भी कहा है कि किसी काम को करने के लिए दृढ़ निश्चय कर लिया जाए तो अपने उद्देश्य को हासिल किया जा सकता है। चेन्नई में दक्षिणी राज्यों के नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम और मिलीयन प्लस सिटीज चैलेंज फंड की रिव्यू वर्कशॉप पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि तिरुक्कुरल में जो बात कही गई है वह पर्यावरण के संदर्भ में काफी हद तक सही है। हम स्वच्छ पर्यावरण और स्वच्छ वातावरण को लेकर उपदेश तो कई देते हैं लेकिन जब उस पर कार्रवाई करने की बात आती है तो हमारा रवैया निराशाजनक रहता है। यदि हम पर्यावरण को स्वच्छ बनाने को लेकर के संकल्प दृढ़ कर लें तो हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है.।
पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य एकल प्रयास से नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास से ही साधा जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञ, कॉलेज स्कूल के विद्यार्थियों के साथ आमजन को पर्यावरण से संबंधित विषयों के बारे में जागरूक करें। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने और बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी आदतों मे सुधार लाए।
इस मौके पर भारत के पर्यावरण मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मौजूदा समय में वायु प्रदूषण मानव जीवन के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। पिछले दो दशकों से यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन कर उभरी है। औद्योगिक विकास और आर्थिक लाभ के लिए हमने पर्यावरण का काफी नुकसान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमें स्वच्छ जल और नील गगन का नारा दिया है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आज की संगोष्ठी उसी योजना का हिस्सा है। तमिलनाडु सरकार ने भी इस दिशा में कई प्रयास किए हैं और केंद्र सरकार के साथ मिलकर के अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही है।
कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के पर्यावरण और मौसम परिवर्तन मंत्री मैय्यीनाथान ने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए प्रमुख कारक सीमेंट, ऑयल रिफायनरी, पेट्रोकेमिकल, थर्मल प्लांट, फर्टिलाइजर, आयरन और स्टील औद्योगिक इकाइयां है। इन इकाइयों पर बाद में निगरानी रखने के लिए हमने एक केंद्र की स्थापना की है। अगर यह औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण के नियामक को पार करती है तो संबंधित कंपनियों को auto-generated मैसेज भेजा जाता है। तमिलनाडु में प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ई-कम्युट ड्राइव को बढ़ावा दे रही है। जिसके तहत हम लोगों में साइकिल, ई वाहन आदि के प्रयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।