जीवन और पर्यावरण बचाने की आतिश मेसर्स की अनोखी पहल

मेट्रो स्टेशनों पर मिलेगी मुफ्त साइकिलिंग की सुविधा

सुष्मिता दास, आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial;

समे कोई संदेह नहीं कि विज्ञान और तकनीक ने हमारे जीवन को पहले से काफी आसान कर दिया है। यह विज्ञान के वरदान का ही कमाल है कि आज हम कई कोस की दूरी मात्र कुछ मिनटों में ही तय कर लेते हैं। दो पहिया से लेकर चार पहिया तक, रेल से लेकर हवाई जहाज तक सबकुछ विज्ञान की ही तो देन है। लेकिन विज्ञान के इस सिक्के का दूसरा पहलू भी है।
विज्ञान ने जहां एक तरफ हमें स्वर्गीय सुख दिया है वहीं इसके चलते हमारी मानवीय जीवन शैली मशीन बनकर रही गई है। सुविधाओं के दुरुपयोग ने हमें आलसी और हमारे शरीर को बीमारियों का घर बना दिया है। इस बदली जीवन शैली के चलते जहां प्रदूषण का दानव पूरी पृथ्वी को तबाह करने पर तुला हुआ है वहीं रोग रूपी राक्षसी भी इसे किसी दुष्ट ग्रह की तरह  वक्री नजर से देख रही है।
हालांकि पिछले कुछ सालों में मौसमों के बदले मिजाज तथा प्राकृतिक आपदाओं ने हमें यह चेताना शुरू कर दिया है कि अगर समय रहते नहीं चेता गया तो आने वाले  दिनों में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।  प्रकृति की इसी चेतावनी से सबक लेते हुए चेन्नई महानगर के आतिश मेसर्स ने एक अनोखे एवं सकारात्मक पहल की शुरूआत की है। इसके इस सराहनीय प्रयास से मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके रोग और प्रदूषण दोनों पर काबू पाया जा सकेगा। दरअसल पर्यावरण के प्रदुषण  का सबसे बड़ा कारण देश की सड़कों पर तेजी से बढ़ रही वाहनों की संख्या है। इन गाड़ियों से निकलने वाले धूंए से जहां एक तरफ हवा प्रदूषित होती है वहीं इनसे निकलने वाली आवाज ध्वनि प्रदूषण की बड़ी वजह है। ऐसे में महानगर की सड़कों पर वाहनों की संख्या को कम करने के लिए आतिश मेसर्स ने आतिश बाइसाइकल क्लब बनाया है।
दरअसल  चेन्नई मेट्रो (सीएमआरएल) के साथ मिलकर यह क्लब मेट्रो स्टेशनों पर उतरने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए मुफ्त साइकिल मुहैया कराएगा। साइकिल चला कर अपने ठिकाने तक जाने से जहां एक तरफ प्रदूषण का स्तर कम होगा वहीं दूसरी ओर इससे शरीर की अच्छी-खासी कसरत भी हो जाएगी जो आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में शरीर के स्वस्थ को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि मेट्रो से उतरने के बाद लोग आटो आदि लेकर अपने गंतव्य तक जाते हैं। इससे प्रदूषण तो बढ़ता ही है, भाड़े के नाम पर यात्रियों से अच्छी-खासी रकम भी वसूल की जाती है। ऐसे में आतिश मेसर्स का यह प्रयास लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि जहां इससे प्रकृति और पथिक दोनों की सेहत दुरुस्त रहेगी वहीं पैसों की भी बचत होगी। हालांकि फिल्हाल ये सेवाएं नेहरुपार्क, शिनॉयनगर और वडपलनी मेट्रो स्टेशन पर ही शुरू की गई हैं लेकिन कारगर साबित होने पर इसे अन्य मेट्रो स्टेशनों पर भी शुरू किया जाएगा।
इस पहले के बारे में बताते हुए अतिश बाइसाइकल क्लब के संस्थापक अतिरुध ने कहा कि इस उन्होंने इस योजना की शुरुआत काफी पहले केरल से की थी। इसके प्रति लोगों के आकर्षण एवं उत्साह को देखते हुए उन्होंने इसका विस्तार करने की योजना बनाई और चेन्नई में इस क्लब की शुरूआत इसी योजना का एक पड़ाव है। उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि शुरूआती दौर में अभी इसे केवल कुछ मेट्रो स्टेशनों पर ही शुरू किया गया है लेकिन आने वाले दिनों में वे इसका विस्तार चेन्नई सेंट्रल, एगमोर रेलवे स्टेशनों तथा एयरपोर्ट तक करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति केवल एक एसएमएस भेज कर इस सेवा का लाभ उठा सकता है। एक आदमी को एक महीने में 100 घंटे की सेवा मुफ्त मुहैया कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि क्लब ने साइकिल को ट्रैक करने के लिए किसी भी तरह के गैजेट का इस्तेमाल नहीं किया है। अपने मोबाइल से मैसेज भेजने के बाद उपयोगकर्ता को उसके मोबाइल पर एसएमएस भेजकर साइकिल में लगे लॉक का नंबर उपलब्ध करा दिया जाएगा। गौरतलब है कि हर व्यवहार के बाद  नंबर का लॉककोड बदल दिया जाता है।
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