छुट्टा पशुओं से निजात पाने के लिए “कामधेनु वन्य बिहार” बनेगा:डॉक्टर बल्लभभाई

डॉ. आर.बी. चौधरी, आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 

देश में छुट्टा गोवंश की समस्या समूचे देश के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है. सभी सरकारें अपने अपने ढंग से इस समस्या से निपटने की कवायत करती हैं  किंतु  समस्या जस की तस रह जाती है. भाजपा सरकार इस दिशा में तमाम नीतियों एवं कार्यक्रमों को लेकर  दृढ़ संकल्पित है .

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन डॉक्टर बल्लभभाई कथीरिया  ने बताया कि 6 जुलाई को  केंद्रीय  मंत्री पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री, डॉक्टर संजीव कुमार बालयान के संसदीय क्षेत्र में एक   संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है  जिसमें छुट्टा गोवंश /मवेशियों के समस्या एवं समाधान पर विचार किया जाएगा और उसी अनुसार  कदम उठाया जाएगा। 

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग अध्यक्ष  के साथ इस विषय पर डॉक्टर संजीव कुमार बालयान  के निवास पर एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई. जिसमें भारत में देसी गायों के उत्थान हेतु बहुत से मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई.

गैरतलब है डॉक्टर संजीव बालयान स्वयं पशु चिकित्सा में डॉक्टरेट है. इसलिए  इस विषय में जितनी  उनकी गहरी पैठ हैं उतने ही गंभीरता  वह  पशुओं से संबंधित  विषयों में रुचि रखते हैं. इस बैठक में वर्तमान में देसी गायों के संरक्षण- संवर्धन एवं विकास के लिए भविष्य में क्या रणनीति बने, इस विषय पर भी मंथन हुआ.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के सलाहकार  डॉक्टर  के.पी. सिंह भदोरिया ने बताया कि  इस संगोष्ठी में  पशु-प्रेमियों, गौशाला प्रतिनिधियों, किसानों, वैज्ञानिकों  एवं अन्य संबंधित क्षेत्र के लोगों को आमंत्रित किया गया है जिसमें देशी गोवंशीय पशुओं के  रहन-सहन की स्थिति, खेती में पशुओं का महत्व, पारंपरिक खेती के तरीके से लेकर  गोवंशीय पशुओं के  वर्तमान हालात की चर्चा की जाएगी.  

उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि देश में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा छुट्टा गोवंशीय  पशुओं की है जो दिन प्रतिदिन उलझता जा रहा है. इस विषय पर परिचर्चा के लिए कामधेनु आयोग से संबंधित तमाम विशेषज्ञ वैज्ञानिक इस संगोष्ठी में शामिल होंगे  जिसमें छुट्टा गोवंशीय पशुओं से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण मुद्दा कम लागत में छुट्टा पशुओं से निजात पाने की बात की जाएगी.

डॉक्टर भदोरिया ने भी कहा के कामधेनु आयोग इस समय “कामधेनु वन्य विहार” नामक एक परियोजना को लांच करने जा रहा है जिस पर काफी काम हो चुका है. इस परियोजना को जल्दी ही क्रियान्वित करने की योजना है. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग  गोवंश की दशा सुधारने के लिए प्रतिपल संकल्पित है ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कुदरती ढंग से कम खर्च में  स्वस्थ एवं अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके . 

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