आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
चेन्नई महानगर निगम ने सोलड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइकलिंग से जुड़े एजेसी, एनजीओ और उद्यमियों से मदद मांगी है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, बहुमंजिला अर्पाटमेंट, व्यवसायिक संस्थान, मॉल, थियेटर और रेस्टोरेंट के कचड़े को उनके परिसर में कमपोस्ट और रिसाइकल करें। जिस किसी को भी इस काम में रुचि होगी उसे निगम इकाई के साथ शामिल काम लिया जाएगा।
गौरतलब है कि महानगर में एक दिन में 5,250 मेट्रिक टन कचड़ा उत्सर्जित होता है और 3,000 से अधिक थोक कचड़ा उत्सर्जनकर्ता हैं। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के मुताबिक जहां भी प्रतिदिन 100 किलोग्राम से ज्यादा कचड़ा उत्सर्जित होता है वह थोक कचड़ा उत्सर्जनकर्ता की श्रेणी में आता है।
निगम के अधिकारी के मुताबिक अबतक केवल 200 थोक कचड़ा उत्सर्जनकर्ताओं के पास कमपोजिटिंग और रिसाइकलिंग की व्यवस्था है। नए नियम के मुताबिक सभी थोक कचड़ा उत्सर्जनकर्ता को शुरूआत से ही कचड़ा पृथ्थीककरण का काम करना चाहिए। वहीं बायोडिग्रेडबल कचड़े का निस्तारण कर अपने परिसर में व्यवहार में लाना चाहिए।
हालांकी हमने यह गौर किया है कि इन थोक कचड़ा उत्सर्जनकर्ताओं के पास इन अवसादों से निबटने की विशेषज्ञता नहीं होती। यही कारण है कि हम निजी एजेंसी और एनजीओ की सेवा लेने की योजना में है। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक देश के किसी भी कोने और विदेश के लोग जिनकी इसमें रूचि है इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
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