साहित्य एवं सचार ही नहीं रोजगार की भी भाषा है हिंदी

सतीश कुमार श्रीवास्तव, INN/Chennai, @Satishgnaitik

रैमलै नगर स्थित एला ग्रीन स्कूल में  सोमवार को आयोजित विश्व हिन्दी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए निदेशक समिता वेंकटेश ने कहा कि मातृभाषा और अंग्रेजी के साथ हिंदी जानने वालों के लिए देश से लेकर विदेश तक में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। साहित्य एवं संचार के साथ अब हिंदी रोजगार की भी भाषा बन चुकी है।

कोविड-19 के चलते ऑनलाइन आयोजित इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एमवाईपी संयोजिका डॉ. शांता ने  वैश्विक स्तर पर हिंदी के बढ़ते प्रभाव के बारे में बताया।

इसके बाद समारोह को संबोधित करते हुए पीवाईपी संयोजिका सुहैना ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी की उपयोगिता प्रकास डाला। अकादमिक संयोजिका सिंधुजा ने विदेशों में हिन्दी शिक्षण पर चर्चा करते हुए कहा कि आज विश्व के 200 से भी अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ी और पढ़ाई जा रही है।

विश्व हिंदी सम्मेलन से विश्व हिंदी दिवस तक की विकास यात्रा के बारे में बताते हुए एमवाईपी की छात्रा होशिका टी. ने शिक्षा और विज्ञान की भाषा, हिंदी सकल जहान की भाषा कविता के माध्यम से विश्व स्तर पर हिन्दी के महत्व को समझाया।

इस अवसर पर एमवाईपी के विद्यार्थी तरुण साई तथा तनुश्री ने भी कविता एवं गीत के माध्यम से हिन्दी की महत्ता को बताया। कार्यक्रम का संचालन  हिंदी अध्यापक सतीश कुमार श्रीवास्तव ने किया। आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त कार्यकर्ताओं ने अपना सराहनीय योगदान दिया।

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