आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
आप कोई व्यक्ति से किसी भाषा में बात करते है तो वह संवाद व्यक्ति के दिमाग में पहुंचता है पर यदि उससे उसकी मातृभाषा में बात की जाय तो वह उसके दिल को छू जाती है।
वीआईटी चेन्नई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस और भारतीय संस्कृति महोत्सव में संबोधित करते हुए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा एक आंकड़े के मुताबिक देश में लगभग 19,500 भाषाएं बोली जाती हैं।
इनमें से भारत में 22 प्रमुख भाषाएं हैं, 13 अलग स्क्रिप्ट और 720 उपभाषाएं हैं तथा छह भाषाओं को सांस्कृतिक भाषा की उपाधि मिली हुई है। संस्कृत के बाद हमारे देश में सबसे पुरानी कोई भाषा है तो तमिल है।
बतौर तमिलनाडु के राज्यपाल यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मंै जिस राज्य में हूं वहां की भाषा सीखूं। सही मायने में इस जरूरत ने मेरे दिल में तमिल के प्रति प्रेम पैदा कर दिया। अभी मुझे तमिलनाडु में डेढ़ साल हुआ है और जब तक मैं यहां रहूंगा आशा करता हूं यहां की भाषा और संस्कृति से पूर्णत: अवगत हो जाऊंगा।
वीआईटी के संस्थापक व कुलपति जी. विश्वनाथन ने कहा भारत भाषाओं और उपभाषाओं की खान है लेकिन अफसोस कि अभी भी कई ऐसी भाषाएं हैं जिनको अब तक मान्यता नहीं मिली है। करीब 38 ऐसी भाषाएं हैं जिनको मान्यता का इंतजार है।
भोजपुरी और मारवाड़ी उन भाषाओं में से है जो देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुतायत में बोली जाती हैं। देश के कानून हमें त्रिभाषा सिद्धांत सिखाता है लेकिन हम ही इसका सम्मान नहीं करते।
बदलते समय और ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में यह जरूरी है कि हम अन्य भाषाओं के बारे में भी जानकारी रखें। यह शुरुआत पहली से पांचवीं कक्षा तक पूरी हो जानी चाहिए क्योंकि यही समय है जब बच्चा आसानी से किसी भी बात को जल्दी से सीख लेता है।
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