मानव जीवन की अनुभूति हैं कविताएं: कुलश्रेष्ठ

 

आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 

मानव जीवन की अनुभूति हैं कविताएं, कविताओ के माध्यम से व्यक्ति उन भावों को व्यक्त कर पाता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में व्यक्त नहीं की जा सकती हैं। यह कहना है दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर.के. कुलश्रेष्ठ का। वह नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, चेन्नई द्वारा दक्षिण रेलवे, मुख्य कार्यालय में हिन्दी कवि सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कवि सम्मेलन अध्यक्षता नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर.के कुलश्रेष्ठ ने की। मानसी कुलश्रेष्ठ, अध्यक्ष, दक्षिण रेलवे महिला कल्याण संगठन, इस कवि सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थी। वीरेन्द्र कुमार, मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने सभी उपस्थित कवियों एवं श्रोताओं का स्वागत किया।

समिति के अध्यक्ष ने इस अवसर पर अपने भाषण में कहा कि कविताएं मानव जीवन की अनुभूति है, जिसे शब्दों में पिरोकर कविता का रूप दिया जाता है एवं इसके माध्यम से कवि अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाता है।

उन्होंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि नराकास, कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके सृजनात्मक प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दे रही है। इस अवसर पर अध्यक्ष, नराकास, चेन्नई ने टेबुल कैलेंडर 2019 एवं काव्य सरिता, जो दक्षिण रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कविताओं का संकलन है, का विमोचन किया।

इस कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में चेन्नई स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालयों के कवियों के अतिरिक्त ईश्वर करुण, प्रह्लाद श्रीमाली और रमेश गुप्त ‘नीरद’ ने कविताओं का पाठ किया।

दक्षिण रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध कवयित्री मानसी कुलश्रेष्ठ की कविताओं को श्रोताओं ने खूब सराहा। समिति के सदस्य-सचिव डॉ. दीनानाथ सिंह ने भी अपनी कविताएं सुनाई। मंच संचालन माहेश्वरी रंगनाथन, वरि.राजभाषा अधिकारी, दक्षिण रेलवे ने किया।

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