दो दिवसीय महोत्सव में मारवाड़ की कला और संस्कृति से हो सकेंगे रूबरू
INN/Jaipur, @Infodeaofficial
राजस्थान का पश्चिमी क्षेत्र मरू प्रदेश कहलाता है और इस मरू प्रदेश को प्राचीन काल से ही मारवाड़ कहा जाता है। इसी मारवाड़ की पहचान के रूप में प्रतिवर्ष मारवाड़ महोत्सव थार रेगिस्तान का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले जोधपुर में इसका आयोजन किया जाता है। जिसमें मारवाड़ की संस्कृति इतिहास और कला को प्रदर्शित किया जाता है। शीत ऋतु के आगमन के साथ ही राजस्थान में पर्यटकों का भी आगमन होता है पर्यटकों को रिझाने के उद्देश्य से और मारवाड़ की संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा मारवाड़ महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
प्रतिवर्ष की भांति मारवाड़ महोत्सव में कई तरह की रंगारंग प्रस्तुतियां देखने को मिली इसकी शुरुआत जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग से हुई। सूर्योदय के साथ ही सबसे पहले सूर्य आराधना हुई। मेहरानगढ़ दुर्ग से जोधपुर के पुराने शहर ब्लू सिटी से होते हुए घंटाघर तक हेरिटेज वॉक आयोजित किया गया यह मेहरानगढ़ किले से जयपोल, फतह पोल रानी सर, पदमसर, सिंहपोल, जुनी धान मंडी, आडा बाजार, कुंज बिहारी मंदिर कटला बाजार होते हुए घंटाघर तक हेरिटेज वॉक का उद्देश्य मारवाड़ के कला राजा महाराजाओं के समय निर्मित ऐतिहासिक इमारतें और इतिहास से परिचय करवाना था। शोभायात्रा, बीएसएफ का केमल टेटू शौ का आयोजन भी किया गया। दोपहर में मूंछ प्रतियोगिता, साफा बांध प्रतियोगिता, मटका दौड़ प्रतियोगिता के साथ मिस्टर मारवाड़ और मिस मारवाड़ सहित कई कार्यक्रम आयोजित हुए । फेस्टिवल को राजस्थान की अलग-अलग संस्कृति की थीम पर आधारित किया गया है।
इस मारवाड़ महोत्सव में आयोजित होने वाली मूंछ प्रतियोगिता में घनी और लंबी मूंछों का प्रदर्शन किया गया \’ मूछें हो तो नाथूलाल जैसी \’ और \’ मूछ का सवाल है \’ जैसे कहावतों से पुरुष के पौरुष का वर्णन करने वाली मूंछों का मारवाड़ में विशेष क्रेज है। ऐसे में सबसे घनी, लंबी आकर्षक मूंछों को सम्मानित भी किया गया। वहीं साफा प्रतियोगिता में मारवाड़ की अलग पहचान देने वाले जोधपुरी साफा को बांधने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सबसे तेजी से और आकर्षक तरीके से साफा बांधने वाले प्रतिभागी को सम्मानित किया गया है इसके इसके साथ ही मिस मारवाड़ और मिस्टर मारवाड़ में जोधपुरी वेशभूषा और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली वेशभूषा में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें पुरुषों ने विशेष शेरवानी हाथ में तलवार और सर पर साफा बांध गहनों से सज धज कर हिस्सा लिया।
इस प्रतियोगिता में विशेष आकर्षण का केंद्र भारतीय सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ते का परफॉर्मेंस रहा जिसमें अलग-अलग फार्म दिखाते हुए ऊंट दस्ते ने परफॉर्म किया इसके साथ ही राजस्थानी बैंड दोनों पर नृत्य करते हुए भी यह ऊंट दिखाई दिए मूलत मारवाड़ से आने वाला यह भारतीय सेवा का ऊंट दस्ता है जो रेगिस्तान के जहाज के साथ सीमा प्रहरी भी है इन वुड दस्तों में शामिल ऊंट को भारतीय सैनिकों का दर्जा दिया जाता है। इन ऊंट दोस्तों का मोहक परफॉर्मेंस देसी विदेशी सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
इस महोत्सव में रस्सा कसी की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें देसी विदेशी सैलानियों ने हिस्सा लिया दो अलग-अलग टीमों में विभाजित कर रस्सी खींचने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सैलानियों का उत्साह देखते ही बना। विश्व भर में प्रसिद्ध मारवाड़ फेस्टिवल का उत्साह वर्ष पर रहता है इसे देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं मारवाड़ फेस्टिवल में राजस्थान की विभिन्न कला और संस्कृति की तिलक पर्यटकों को आकर्षित करती है भारी संख्या में देसी ही नहीं विदेशी सैलानियों का जमावड़ा विभिन्न कार्यक्रमों में देखने को मिलता है यह राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित मारवाड़ महोत्सव दर्शकों के लिए निशुल्क रहता है।
पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक डॉ. सरिता फिरोदा ने बताया- मारवाड़ महोत्सव का आयोजन देशी-विदेशी पर्यटकों को राजस्थान की संस्कृति से रुबरू करवाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। 16 और 17 अक्टूबर को कई आकर्षक कार्यक्रम होने वाले है। मारवाड़ महोत्सव में हर दिन शाम के समय कई सेलिब्रिटी और फेमस लोक कलाकार सांस्कृतिक संध्या में अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां देंगे।