तमिल लेखों का डिजीटलीकरण जरूरी : गुणा सिंह

आईएनएन/चेन्नई,@Infodeaofficial

मिल भाषा अत्यंत प्राचीन भाषाओं में से एक है। समय से साथ इस भाषा का विस्तार उतना नहीं हुआ जितनी आबादी बढ़ी है। इसलिए यह जरूरी है कि हम तमिल लेख और भाषा का डिजीटलीकरण कर उसका विश्वभर में प्रचार-प्रसार करें।

रविवार को कनिमरा पुस्तकालय में पी. रवीद्रन द्वारा लिखी पुस्तक वलवदे और इनियकलै के विमोचन के मौके पर संबोधित करते हुए ट्रिप्लीकेन के सहायक पुलिस आयुक्त आईपीएस गुणा सिंह ने कहा तमिल लोग दुनिया के हरेक कोने में मिलेंगे लेकिन प्रदेश से बाहर जाने के बाद उनका अपनी भाषा और साहित्य से मोह कम होता जाता है।

इसका प्रमुख कारण है वहां तमिल साहित्य व पुस्तकें उपलब्ध नहीं होना। ऐसे में यह जरूरी है हम अपने साहित्य और पुस्तकों को डिजीटल फार्म देकर दुनिया के कोने-कोने में बसे तमिलों को तमिल साहित्य से जोड़ें।

इस कार्यक्रम का आयोजन ऑल इंडिया तमिल राइटर्स एसोसिएशन द्वारा किया गया। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष पेरियानन, महासचिव इदिय गीता रामानुजम, पीके प्रभु, रामगुरुनाथन, रूजवेल्ट, माम्बलम चंद्रशेखरन, नादन सभापति, करुणानिधि, विसिगल नटराजन समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

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