आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
भारत सरकार ने वीआईटी, वेलूर को इंस्टीट्यूशन्स ऑफ एमिनेन्स (आईओई, उत्कृष्ट संस्थान) के रूप में मान्यता दी है। भारत सरकार का यह कदम उठाने का उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के कुछ चुनिन्दा शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने के लिए है ताकि वे व्यक्तिगत रूप से गुणवत्ता संवद्र्धन की पहल करें और विश्व रैंकिंग में आगे बढ़ें।
वीआईटी के कुलाधिपति डा. जी. विश्वनाथन ने कहा, वीआईटी का लक्ष्य अगले तीन सालों में विश्व रैंकिंग के पायदान में विश्व के प्रथम 500 विश्वविद्यालयों में शामिल होना है। उन्होंने बताया कि यदि विश्व विषय रैंकिंग की बात की जाए तो वीआईटी 3 विषयों में 550वीं रैंकिंग पर है। ये विषय हैं-कम्प्यूटर साइंस एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग एवं केमिस्ट्री (रसायन)।
डा. जी. विश्नाथन के अनुसार आईओई दर्जे से वीआईटी को नई पहल वाले कार्यक्रम शुरू करने की आजादी मिलेगी जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर लाभकारी होंगे।
इस मान्यता से वीआईटी को गुणवत्ता की सीढिय़ां पूर्ण कौशल के साथ तेजी से चढऩे की राह मिल गई है। इसका एक फायदा यह भी है कि वीआईटी शोध के क्षेत्र में विदेशी एलीट शिक्षण संस्थानों के साथ अनुबंध कर सकेगा जिससे उद्योग जगत को फायदा होगा तथा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत नए उत्पाद विकसित किए जा सकेंगे।
शोध का मुख्य ध्यान किसान और लोगों के दैनिक व्यवहार में आने वाली चीजों को बेहतर करने पर होगा। उन्होंने कहा वीआईटी जैसे निजी संस्थानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन शोधों के लिए धनराशि की होगी। सरकारी संस्थानों को सरकार की ओर से वित्तीय मदद दी जा रही है पर निजी संस्थानों के साथ ऐसा नहीं है। इन दस चयनित संस्थानों के साथ बैठक कर शोध के लिए सरकारी सहायता देने को हम केंद्र सरकार से अपील करेंगे।
उन्होंने भावी योजनाओं पर चर्चा करते हुए बताया कि विवि की प्राथमिकताओं में प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना, उच्च शिक्षा सुविधा प्रशिक्षण संस्थान, यूनिक सेलिंग प्रपोजीशन (यूएसपी) के साथ ऑनलाइन लर्निंग सेंटर, 2025 के वैश्विक बाजार के अनुरूप कुशल भारतीय कर्मचारियों को तैयार करने के लिए ग्लोबल स्किल डवलपमेंट सेंटर तथा विविध देशों की सहभागिता से मल्टी-एथनिक कम्युनिटी सेंटर की स्थापना आदि शामिल है।
वीआईटी का पहला सपना 100 फीसदी डिजीटल विश्वविद्यालय बनना, सर्वाधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और कुशलता साबित करना है। उन्होंन कहा कि सभी विद्यार्थियों में 2025 में हाईटेक डिजीटल वल्र्ड का नेतृत्व करने की क्षमता विकसित की जाएगी। इस उद्देश्य से सुविधाएं और बुनियादी संरचना का विकास किया जाएगा तथा वीआईटी के तरक्की के पैटर्न में अनुकूल सुधार लाया जाएगा ताकि हम द्रुतगति से 200वीं रैंक तक पहुंच बना सकें।
अंत में कुलाधिपति ने वीआईटी पर विश्वास दिखाने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया और यकीन दिलाया कि वीआईटी राष्ट्र की क्षमता निर्माण में बड़ी भूमिका अदा करेगा।
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