59 चायनीज़ एप्प पर प्रतिबन्ध लगाने का मामला
विष्णुदेव मंडल, INN/Chennai, @Infodeaofficial
भारत और चीन के बीच सिमा विवाद इतना बढ़ गया की यह जुबानी जंग व हाथापाई से बढ़कर आर्थिक, व्यापारिक और तकनिकी प्रतिबन्ध तक बाद गया है। देश में जगह जगह पर चीनी सामान का बहिष्कार किया जा रहा है।
लोग चीन से व्यापार करने से कटरा रहे है और चीनी कंपनियों के दिए गए कॉन्ट्रैक्ट को भी रद्द किया जा रहा है। वही इसी बीच केंद्र सरकार ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इनमे से कई ऐसे एप्प है जिन्होंने लोगों के दिल में एक अलग जगह बना राखी है। टिक टोक जैसे एप्प ने कितनो को घर बैठे कमाई का साधन दिला दिया था। इन एप के बंद होने महानगर के लोगों पर क्या असर पड़ा है इनफोडिया ने इसके बारे में जानने की कोशिश की और हमे ये प्रतिक्रियाएं मिलीं।
भारत सरकार द्वारा 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित करना स्वागत योग्य कदम है।
मेरे नजर में टिकटॉक हमारे समाज के लिए एक बीमारी बन गई थी और इस बीमारी के शिकार विश्व के करोड़ों लोग हो रहे है।
इस ऐप को बंद होने से चीन को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा जो एक मायने में सही है उसकी अकाल ठिकाने लगाने को।
संध्या झा, लेखिका कोलातूर
मैं भी खाली समय में चाइनीज ऐप्स का इस्तेमाल करती थी इनमें से कुछ एप्स मुझे बेहद मनोरंजक लगते है।
वही कुछ एप्स को मै पढ़ाई के लिए इस्तेमाल में लती थी। इस ऐप के बंद होने से हम छात्रों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि सरकार यदि सुरक्षा के दृष्टिकोण से चाइनीस एप्स को बंद कर रही है तो हम देश के साथ है।
अनन्या, छात्रा
मै चाइनीज़ एप्प पर प्रतिबन्ध लफगाने के फैसले से बेहद खुश हैं। हम यह उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार या फिर भारतीय कंपनियां ऐसे ही देसी ऐप ईजाद करे जो लोगों में ऐसे ही लोकप्रिय हो।
चाइनीस एप टिकटॉक बेहद खतरनाक साबित हो रहे थे कई लोग टिक टॉक वीडियो बनाते समय मौत के शिकार हो गए।
श्रुति प्रधान, छात्रा
चाइनीज ऐप टिकटॉक के माध्यम से मुझे काफी लोकप्रियता हासिल हुई। मेरे द्वारा किये जा रहे स्टंट को लोग देखकर बहुत ही लाइक और कमेंट कर रहे थे।
टिकटॉक के माध्यम से मै घर बैठे कमाई कर लेता था। मैं सरकार से मांग करता हूं कि वह भारत में भी नए-नए ऐप लॉन्च करें ताकि हम लोग अपनी प्रतिभा आमजन के सामने रख पाए और आर्थिक फायदे भी मिल जाए।
दिलीप कुमार, छात्र
भारत में 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है जिनमे टिकटॉक, यूसी ब्राउज़र और कैमस्कैनर भी है। ये चीनी एप्स देश की सुरक्षा और हमारी निजता के लिए खतरा है इसलिए इनपर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
चाइनीज ऐप्स को बंद करना आपदा को अवसर में बदलने का वक्त है। देश की आईटी कंपनी को चाहिए की इस मौके का फायदा उठाकर वैसे ही एप्प का निर्माण करे।
सोनी देवी तिवारी
चीनी एप्स पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का मैं पुरजोर समर्थन करती हूं। यह अवसर भारतीय आईटी सेक्टर के लिए सुनहरा अवसर है वह टिक टॉक से बेहतर ऐप बना सकती है। हम से सिर्फ प्लेटफार्म छीनी गई है लेकिन टैलेंट नहीं मुझे लगता है भारत में आने वाले दिनों में चाइनीज ऐप्स के बेहतर विकल्प उपलब्ध होगा।
प्रीति तिवारी
भारत अपने पड़ोसी देशों के कारण हमेशा परेशान रहा है कभी पाकिस्तान तो कभी चीन वर्षों से सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच टकराव होता ही रहा है। भारत सरकार द्वारा चीनी एप्स और चीनी सामानों का बहिष्कार करना स्वागत योग्य कदम है। खासकर चीनी ऐप को बंद करना बेहद जरूरी है यह ऐप जहां हमारे नई पीढ़ियों को बर्बाद कर रही है।
समीक्षा मिश्रा
चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध का हम भारतीय स्वागत करते है। चीन ने हमारे देश से साल 2018 से 2020 के दरमियान करोड़ों रुपये की कमाई की है। जिस प्रकार गलवान घाटी में चीन ने हमारे सैनिकों के साथ कायरता पूर्ण व्यवहार किया उसे किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता। चीनी एप्प पर प्रतिबन्ध तो छोटी चीज़ भारत सरकार को और भी कई ठोस कदम उठाने की जरुरत है।
मनीषा दुबे
एक भारतीय होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि देश के हित के लिए चीनी ऐप का इस्तेमाल नहीं हो। हमारे देश में चीनी ऐप का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा था। लोग दिन-रात टिक टॉक पर वीडियो बनाने के लिए व्यस्त रहते थे। ये एप्प हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है इसलिए इसपर प्रतिबंध लगाना उचित कार्यवाही है।
पूजा तिवारी
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