दक्षिण रेलवे की आरपीएफ का इस साल रहा अबतक का बेहतरीन प्रदर्शन
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
दक्षिण रेलवे की रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और रेलवे बोर्ड के लिए वर्ष 2018 महिला और बाल सुरक्षा का वर्ष है। बोर्ड व दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर.के. कुलश्रेष्ठ के निर्देशों के मुताबिक महिला और बाल सुरक्षा व कल्याण पर गम्भीरता से काम कर रहा है। हर माह महाप्रबंधक की ओर से इस संबंध में विभाग के लिए कार्यप्रणाली का निर्देश आता है और हम उसे बेहतर कार्यानवन के लिए काम करते हैं। इंफोडिया से साथ विशेष बातचीत में दक्षिण रेलवे के आरपीएफ के आईजी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 आरपीएफ के लिए अबतक का बेहतरीन प्रदर्शन वाला वर्ष रहा है। आरपीएफ ने अपने रोजाना के दैनिक काम-काज के अलावा कई ऐसे कारनामे किए जिसने लोगों की मानसपटल पर बनी आरपीएफ की छवी को और बेहतर किया है।
बीरेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे में सुरक्षा संबंधित शिकायतों के लिए 182 हेल्पलाइन नम्बर की सुविधा है एवं इसके अलावा रेलवे पुलिस के पास सोशलनेटवर्क के माध्यम से भी कई शिकायतें आती है। जिसपर फौरी कार्रवाई कर उन्हें सुलझा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जनवरी से जून माह तक 501 शिकायतें प्राप्त की गई। अकसर लोग हमारे दिए गए हेल्प लाइन पर अन्य शिकायत व समस्याओं को लेकर फोन करते हैं।
हेल्पलाइन नम्बर पर ज्यादातर शिकायतें सफाई, सुविधा की कमी व अन्य कारणों के लिए आता है। उन्होंने बताया कि 182 एक सेंट्रलाइज्ड नम्बर है जिसपर आप किसी भी स्थान से फोन कर संबंधित क्षेत्र के आरपीएफ पोस्ट पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
हेल्पलाइन पर ज्यादा शिकायतें आती है बनिसपत सोशल मीडिया के, इसके पीछे के कारण के बारे में उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया को कैसे व्यवहार में लाना है इसकी जानकारी उन्हीं को होती है जो इसका इस्तमाल करना जानते हैं और ऐसे लोग कम होते हैं। इसी वजह से सोशल मीडिया पर हेल्पलाइन के मुकाबले कम शिकायतें दर्ज कराई जाती हैं।
रेलवे की विज्ञप्ति से मिली जानकारी के आधार पर वर्ष 2018 के पहले छह महिने में लगभग 37745 लोगों पर रेलवे परिसर को गंदा करने के कारण उनपर फाइन किया गया और उनसब 82, 55, 140 रुपए बतौर जूर्माना वसूला गया। वहीं विभाग ने अपने प्रयासों के जरीए 174 करोड़ रुपए के वर्जित सामान जब्त किए और 133 आपराधियों को संबंधित एजेंसी को सौपा है। यात्रियों के चुराए व खोए हुए सामान की खोजबीन कर उन्हें संबंधित यात्रियों को वापस कराया गया है।
वहीं घर से भागे हुए बच्चों के मामले में आरपीएफ ने 540 बच्चों को बचाया और उन्हें उनके अभिभावकों को वापस किया है। गौरतलब है कि बाल तस्करी को रोकने के लिए चेन्नई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन के साथ एगमोर, मदुरै और कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर एक गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर चाइल्ड हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। ऐसे हेल्प डेस्क चार और रेलवे स्टेशनों पर लगाए जाएंगें। वहीं अपने घर से लापता 52 महिलाओं को विभाग ने सुरक्षित उनके घरवालों को सौंपा है।
इस साल के पहले छह महिने के अंदर 208 मामलों में 227 अपराधियों को पकड़ा गया। 5, 02, 558 रुपए की रेलवे की संपत्ती बरामद की गई और रेलवे एक्ट के अंतर्गत 51, 701 मामले दर्ज किए गए व 1,32, 05, 264 रुपए एकत्र किए गए। वहीं सुरक्षा के क्षेत्र में 738 आरपीएफ पुलिसकर्मी 318 एक्सप्रेस व ईएमयु ट्रेनों में निगरानी करते हैं। आरपीएफ की महिला पुलिस बल रोज़ाना ईएमयु ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात रहती है
Leave a Reply